बिहार के मनरेगा श्रमिकों के लिए लंबे इंतजार के बाद राहत की उम्मीद जगी है। बीते साढ़े तीन महीनों से लंबित करीब 2000 करोड़ रुपये की मजदूरी इसी सप्ताह जारी की जा सकती है। लगभग 12 लाख श्रमिकों को 27 दिसंबर 2024 से भुगतान नहीं मिला है, जिससे वे आर्थिक तंगी का सामना कर रहे थे।बिहार के ग्रामीण विकास विभाग ने लगातार केंद्र सरकार से संपर्क बनाए रखा है। विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने जानकारी दी कि मजदूरी भुगतान को लेकर कई बार केंद्र से आग्रह किया गया है और अब यह भरोसा है कि दो-तीन दिनों में राशि जारी कर दी जाएगी।
वित्तीय दबाव बना देरी की वजह-
मजदूरी भुगतान में देरी की कई वजहें रहीं। केंद्र सरकार मनरेगा के तहत मजदूरी का पूरा खर्च उठाती है। वर्ष 2024-25 के लिए बिहार को 17 करोड़ मानव दिवस की स्वीकृति मिली थी, लेकिन राज्य सरकार ने 25 करोड़ मानव दिवस का कार्य प्रारंभ कर दिया, जिससे वित्तीय भार बढ़ गया। अब केंद्र से अतिरिक्त बजट की मंजूरी का इंतजार है।केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान 12 अप्रैल को पटना दौरे पर आने वाले हैं। उनके आने से पहले ही अतिरिक्त बजट स्वीकृति की संभावना जताई जा रही है। दौरे के दौरान वह प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की प्रगति की भी समीक्षा करेंगे।
पांच लाख नए आवास की मंजूरी संभव-
बिहार में अब तक 36 लाख 59 हजार 462 मकान बनाए जा चुके हैं। राज्य सरकार ने और 5 लाख नए आवास की मांग की है, जिसके लिए सर्वेक्षण कार्य जारी है। माना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री के दौरे के दौरान इस मांग को भी मंजूरी मिल सकती है।
मजदूरों में था असंतोष, अब राहत की उम्मीद-
वेतन न मिलने के कारण श्रमिकों में असंतोष बढ़ रहा था और कई क्षेत्रों में काम भी बंद हो गया था। स्थानीय प्रशासन पर भुगतान कराने का दबाव बढ़ता जा रहा था। अब जब केंद्र से सकारात्मक संकेत मिले हैं, तो जल्द ही मजदूरों को उनकी मेहनत का फल मिलने की उम्मीद है।