आज के पंचांग में जाने कौन सा समय होगा सही निवेश का सही कदम जाने

Patna Desk

NEWS PR DRSK- आज वैशाख कृष्ण अमावस्या, अश्विनी नक्षत्र, प्रीति योग, चतुष्पाद करण, पश्चिम का दिशाशूल और मेष राशि का चंद्रमा है. वैशाख अमावस्या पर पितरों के तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान आदि करते हैं. आज के पंचांग से जानते हैं अमावस्या के मुहूर्त, सूर्योदय, चंद्रोदय, राहुकाल, दिशाशूल, चौघड़िया आदि.

निवेश का सही कदम

आज सर्वार्थ सिद्धि योग में वैशाख अमावस्या और रविवार व्रत है. आज वैशाख कृष्ण अमावस्या, अश्विनी नक्षत्र, प्रीति योग, चतुष्पाद करण, पश्चिम का दिशाशूल और मेष राशि का चंद्रमा है. वैशाख अमावस्या पर पितरों के तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान आदि करते हैं. आज के पंचांग से जानते हैं अमावस्या के मुहूर्त, सूर्योदय, चंद्रोदय, राहुकाल, दिशाशूल, चौघड़िया आदि.

आज सर्वार्थ सिद्धि योग में वैशाख अमावस्या और रविवार व्रत है. आज वैशाख कृष्ण अमावस्या, अश्विनी नक्षत्र, प्रीति योग, चतुष्पाद करण, पश्चिम का दिशाशूल और मेष राशि का चंद्रमा है. सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05:44 ए एम से पूरे दिन है. इस योग में किए गए कार्य सफल होते हैं. वैशाख अमावस्या के अवसर पर पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, फिर दान करते हैं. स्नान और दान से पुण्य की प्राप्ति होती है. वैशाख अमावस्या पर पितरों के तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान आदि करते हैं.

पितरों के लिए दान, पंचबलि कर्म करते हैं, इससे पितृ दोष मिटता है और पितरों के आशीर्वाद से परिवार की उन्नति होती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या को पितर धरती पर आते हैं, उनको तृप्त करने के लिए तर्पण और श्राद्ध कर्म करते हैं. आज के दिन अन्न और वस्त्र का दान करने से देव, ऋषि और पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है.

आज रविवार व्रत में भगवान सूर्य की पूजा करते हैं. सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं, इसके लिए पानी में लाल चंदन, लाल फूल, गुड़ आदि डालते हैं. जल देते समय सूर्य मंत्र का जाप करते हैं. जो लोग व्रत हैं, वे बिना नमक का भोजन करते हैं. मीठा भोजन करने का विधान है. इससे कुंडली में सूर्य मजबूत होता है. सूर्य दोष को दूर करने के लिए सूर्य के बीज मंत्र का जाप करें. सूर्य चालीसा, आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें. रविवार को किसी ब्राह्मण को लाल फल, लाल वस्त्र, केसर, गुड़, तांबा, घी आदि का दान करें. इससे सूर्य दोष मिटेगा और उसका शुभ प्रभाव मिलने लगेगा. आज के पंचांग से जानते हैं अमावस्या के मुहूर्त, सूर्योदय, चंद्रोदय, राहुकाल, दिशाशूल, चौघड़िया आदि.

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