पटना से बड़ी खबर है, जहां दाखिल-खारिज मामलों की अनदेखी पर अब अधिकारियों को जेब से कीमत चुकानी होगी। जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि जिन अंचलों में दाखिल-खारिज के मामले 75 दिनों से ज्यादा समय से लंबित हैं, वहां के अंचलाधिकारियों पर प्रति मामले ₹5000 का जुर्माना लगाया जाएगा।
शनिवार को हुई भूमि संबंधी योजनाओं की समीक्षा बैठक में डीएम ने कहा कि जिले में कुल 694 मामले 75 दिनों से अधिक समय से अटके हुए हैं, जो पूरी तरह अस्वीकार्य है।
हालांकि अथमलगोला, खुशरूपुर, मनेर और पंडारक अंचलों की स्थिति संतोषजनक पाई गई, जहां ऐसा कोई भी मामला लंबित नहीं है। जिलाधिकारी ने इन अंचलों के कार्यों की सराहना करते हुए बाकी अंचलों को इनसे सीख लेने को कहा।
सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला अंचल रहा संपतचक, जहां अकेले 290 मामले लंबित हैं। जिले में दाखिल-खारिज मामलों का औसतन 98.27% निपटारा हो चुका है, फिर भी इतनी बड़ी संख्या में पुराने मामलों का लटका रहना गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है।
राजस्व कर्मियों पर भी कसा शिकंजा
जिलाधिकारी ने एडीएम (राजस्व) अनिल कुमार को निर्देश दिए हैं कि सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले पांच राजस्व कर्मचारियों की सूची तैयार की जाए। इन पर निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही 10 सबसे पुराने लंबित मामलों की रिपोर्ट एक सप्ताह में मांगी गई है।
वास भूमि बंदोबस्ती में भी तेज़ी लाने के निर्देश
डॉ. अंबेडकर समग्र सेवा अभियान के तहत वास भूमि बंदोबस्ती के लिए अब तक 3,226 आवेदन प्राप्त हुए हैं। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अगले 15 दिनों में कम से कम 50% आवेदनों का निपटारा किया जाए, ताकि ज़मीनहीन परिवारों को समय पर लाभ मिल सके।