बिहार की 2003 की मतदाता सूची सार्वजनिक, विशेष पुनरीक्षण अभियान में मिलेगी बड़ी राहत

Patna Desk

भारतीय निर्वाचन आयोग ने बिहार की साल 2003 की मतदाता सूची को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दिया है। इस ऐतिहासिक सूची में करीब 4.96 करोड़ मतदाताओं के नाम दर्ज हैं। इस पहल से आगामी विधानसभा चुनाव से पहले जारी विशेष मतदाता पुनरीक्षण अभियान को बड़ी सहूलियत मिलने की उम्मीद है।

निर्वाचन आयोग के 24 जून 2025 को जारी निर्देशों के तहत, यह सूची मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ), जिला निर्वाचन पदाधिकारी (डीईओ) और इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ईआरओ) के माध्यम से बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) को हार्ड कॉपी के रूप में भी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही, इसे आम जनता के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर भी जारी किया गया है, ताकि लोग नाम जोड़ने, हटाने या सुधार के लिए इसका उपयोग कर सकें।


आयोग ने बताई यह खास वजह

आयोग का कहना है कि वर्ष 2003 की सूची में जिन लोगों के नाम पहले से दर्ज हैं, उन्हें अब केवल अपना विवरण सत्यापित कर फॉर्म भरना होगा, किसी नए दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होगी। इसके अलावा, यदि किसी व्यक्ति के माता-पिता का नाम भी इस सूची में मौजूद है, तो उन्हें भी दस्तावेज जमा नहीं करने पड़ेंगे — जिससे प्रक्रिया अधिक सरल और तेज हो जाएगी।

निर्वाचन आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि हर चुनाव से पहले मतदाता सूची का संशोधन अनिवार्य होता है। यह प्रक्रिया मृत्यु, स्थानांतरण, शादी, रोजगार या उम्र पूरी करने जैसे बदलावों को सही रूप से दर्ज करने के लिए बेहद जरूरी है।

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