बिहार में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। खासकर बाढ़ अनुमंडल क्षेत्र में एहतियातन तैयारी तेज कर दी गई है। यहां के बाढ़ प्रखंड में तेरह बड़े गंगा घाट हैं, जहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग स्नान के लिए पहुंचते हैं। अतीत में डूबने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिसे देखते हुए इस बार प्रशासन कोई चूक नहीं करना चाहता।
हर घाट पर सुरक्षा के खास इंतजाम
प्रशासन ने सभी प्रमुख घाटों पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं। हर चिन्हित घाट पर नावें, प्रशिक्षित नाविक और गोताखोरों को तैनात किया गया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत राहत-बचाव कार्य शुरू किया जा सके।
बख्तियारपुर स्थित नए सीढ़ी घाट पर भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। यहां दो शिफ्टों में नाविकों और गोताखोरों की प्रतिनियुक्ति की गई है। इसके अलावा ‘आपदा मित्रों’ की तैनाती भी की गई है, जो विशेष प्रशिक्षण प्राप्त स्वयंसेवक हैं।
पहचाने जा सकें इसलिए खास यूनिफॉर्म में रहेंगे आपदा मित्र
ये आपदा मित्र विशेष लाइफ जैकेट और आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए टी-शर्ट पहनकर घाटों पर मौजूद रहेंगे, जिससे लोग आसानी से उन्हें पहचान सकें। किसी भी खतरे या आपात स्थिति में ये लोग त्वरित कार्रवाई करेंगे।
सावधानी की अपील
प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि गंगा स्नान के दौरान बेहद सतर्क रहें। बिना कारण गहरे पानी में जाने से बचें और घाट पर मौजूद आपदा मित्रों एवं प्रशासनिक अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें। सतर्कता और सहयोग से किसी भी दुर्घटना से बचा जा सकता है।