भारतमाला परियोजना से प्रभावित किसानों के लिए विशेष आर्बिट्रेटर कैंप कोर्ट का हुआ आयोजन

Jyoti Sinha

आर्बिट्रेटर सह आयुक्त, पटना प्रमंडल द्वारा 500 से अधिक मामलों की सुनवाई

कैमूर,भारत सरकार की महत्त्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना से प्रभावित किसानों के भूमि विवादों और मुआवजा संबंधी समस्याओं के त्वरित निष्पादन हेतु पटना प्रमंडल के आयुक्त सह आर्बिट्रेटर द्वारा आज दिनांक 14 जुलाई 2025 को कैमूर जिले के रामपुर एवं चैनपुर प्रखंडों में विशेष कैंप कोर्ट का आयोजन किया गया।इस विशेष अदालत में एक साथ 500 से अधिक मामलों की सुनवाई की गई। आयोजन का उद्देश्य था कि किसानों को न्यायिक प्रक्रिया हेतु पटना की यात्रा न करनी पड़े तथा उन्हें स्थानीय स्तर पर ही शीघ्र समाधान प्राप्त हो।

चैनपुर प्रखंड में आयोजित कैंप कोर्ट में चैनपुर, भभुआ एवं चांद अंचल के किसान शामिल हुए, जबकि रामपुर प्रखंड में रामपुर एवं भगवानपुर अंचल के किसानों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।कार्यवाही के आरंभ में संबंधित अंचल अधिकारियों द्वारा किसानों से प्राप्त सभी आवेदनों को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने भारतमाला परियोजना के अंतर्गत अब तक की कार्रवाई तथा विशेष कैंप कोर्ट की पृष्ठभूमि पर विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने जानकारी दी कि मई माह में भभुआ में आयोजित प्रथम कैंप कोर्ट में 52 मौजों की सुनवाई की गई थी, जिसके तहत ₹30 करोड़ से अधिक की राशि का भुगतान किसानों के खातों में किया जा चुका है।

इस अवसर पर उन्होंने बताया कि किसानों की सुविधा के लिए आर्बिट्रेटर के आदेश की प्रति भी जिला भू-अर्जन कार्यालय से नि:शुल्क उपलब्ध कराई जा रही है।

कैंप कोर्ट के दौरान आर्बिट्रेटर सह आयुक्त ने किसानों की बातों को गंभीरता से सुना एवं उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि आर्बिट्रेशन न्यायालय में वाद दाखिल करने हेतु किसी अधिवक्ता या फीस की आवश्यकता नहीं है और यह व्यवस्था किसानों की सहूलियत को देखते हुए ही बनाई गई है।

उन्होंने यह भी कहा कि मुआवजा की राशि से असंतुष्ट किसान आर्बिट्रेटर कोर्ट में आवेदन दें, जिससे नियमानुसार राशि दोगुनी की जा सके।इस दौरान रामपुर के किसान विमलेश पांडे ने ठाकुरहट मौजा का मामला उठाया। भू अर्जन पदाधिकारी ने बताया कि संबंधित मौजे में चक्र व सर्वे संबंधित तकनीकी विवाद हैं, जिनके समाधान हेतु मिलान प्रक्रिया जारी है एवं मुख्यालय से भी मार्गदर्शन प्राप्त किया जा रहा है।एक अन्य किसान अनिल सिंह द्वारा रामपुर में अतिरिक्त एलाइनमेंट की मांग उठाई गई, जिसपर बताया गया कि इस बाबत प्रस्ताव जिला पदाधिकारी के माध्यम से भेजा गया है और स्वीकृति मिलते ही अगली प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

आयुक्त सह आर्बिट्रेटर ने निर्देश दिए कि जिन किसानों की भूमि अधिकृत की जा रही है, उनके नवीनतम लगान रसीद की प्रक्रिया अगले 15 दिनों में कैंप मोड में पूर्ण की जाए। उन्होंने सभी अंचल अधिकारियों को भू-अर्जन संबंधित कार्यों को शीर्ष प्राथमिकता देने का निर्देश देते हुए किसी भी प्रकार की शिथिलता को अक्षम्य बताया।

किसानों द्वारा उत्तर प्रदेश की तुलना में बिहार में कम मुआवजा मिलने की बात पर आयुक्त ने बताया कि आर्बिट्रेटर न्यायालय के आदेश से कई मामलों में मुआवजा राशि दोगुना की गई है। उन्होंने उपस्थित सभी किसानों से अनुरोध किया कि जिन किसानों ने अभी तक आवेदन नहीं दिया है, वे शीघ्र आवेदन जमा करें।

इस महत्वपूर्ण अवसर पर जिला पदाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, अनुमंडल पदाधिकारी, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, सभी अंचलाधिकारी, राजस्व कर्मी सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।

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