बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने युवाओं को बड़ी सौगात दी है। उन्होंने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की रिक्तियों की गणना जल्द पूरी की जाए और TRE-4 परीक्षा को प्राथमिकता के आधार पर आयोजित किया जाए।
मुख्यमंत्री के इस निर्देश के बाद शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने साफ कर दिया कि TRE-4 परीक्षा चुनाव से पहले कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि इस विषय पर विभाग की अहम बैठक की गई है और भर्ती प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता और गति के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है।
इसके साथ ही सरकार अब डोमिसाइल नीति को पूरी तरह लागू करने की दिशा में भी गंभीर है। शिक्षा मंत्री ने बताया कि नियोजन प्रक्रिया में केवल बिहार के स्थायी निवासियों को ही लाभ मिले, इसके लिए कानूनी राय ली जा रही है ताकि नीति को सुदृढ़ और वैधानिक आधार मिल सके।
शिक्षा मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि अब तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल में करीब 12 लाख युवाओं को नौकरी या रोजगार का अवसर मिल चुका है, और यह प्रक्रिया अभी भी जारी है।
महिलाओं के हक को लेकर भी सरकार का रुख साफ है — 35% आरक्षण का लाभ सिर्फ बिहार की महिलाओं को मिलेगा, इसके लिए सभी जिलों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला न सिर्फ बेरोजगार युवाओं में उम्मीद जगाता है, बल्कि चुनावी सीजन में विपक्ष को भी एक स्पष्ट सियासी संदेश देता है कि सरकार रोजगार और शिक्षा के मुद्दे पर गंभीरता से काम कर रही है।