बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र का तीसरा दिन भी विपक्षी दलों के हंगामे की भेंट चढ़ गया। मुद्दा था—राज्य में चल रहे विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान को लेकर उठा सियासी तूफान। इस बीच, मंत्री विजय चौधरी ने सरकार की मंशा स्पष्ट करते हुए विपक्ष के आरोपों का करारा जवाब दिया।
सरकार की मंशा साफ: कोई वास्तविक मतदाता वंचित न रहे – विजय चौधरी
मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि एसआईआर को लेकर नीतीश सरकार पूरी तरह गंभीर है। हमारा स्पष्ट मानना है कि राज्य का कोई भी वास्तविक मतदाता मताधिकार से वंचित न हो। उन्होंने बताया कि अब तक करीब 90 प्रतिशत मतदाताओं के फॉर्म जमा हो चुके हैं, और बाकी बचे 10 प्रतिशत लोगों के लिए सभी राजनीतिक दलों को जानकारी दे दी गई है ताकि वे इन लोगों से संपर्क कर सकें।
दिल्ली से संचालन के आरोप बेबुनियाद – मंत्री का पलटवार
विपक्ष द्वारा बार-बार लगाए जा रहे “बिहार सरकार को दिल्ली से चलाने” के आरोपों पर विजय चौधरी ने कड़ा पलटवार किया। उन्होंने कहा, “आज की सदन की कार्यवाही देखिए, कहीं से भी यह नहीं लगता कि राज्य की बागडोर कहीं और से चलाई जा रही है। ये केवल राजनीति है, इसमें कोई सच्चाई नहीं है।”
विपक्ष का दोहरा रवैया उजागर
एसआईआर को लेकर विजय चौधरी ने विपक्ष पर दोहरा चरित्र अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि “एक ओर विपक्ष अपने कार्यकर्ताओं को फॉर्म भरवाने में जुटा है, वहीं दूसरी ओर जनता के बीच भ्रम फैलाकर इस प्रक्रिया का विरोध कर रहा है। इससे सबसे ज्यादा नुकसान गरीब और कमजोर वर्ग के मतदाताओं को हो सकता है।”