बिहार सरकार द्वारा घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट मुफ्त बिजली देने की घोषणा भले ही राहत भरी हो, लेकिन अब यही योजना मासूम जनता के लिए मुसीबत का सबब बनती जा रही है। साइबर अपराधियों ने इस सरकारी लाभ का सहारा लेकर लोगों को झांसे में फांसने का नया तरीका ढूंढ़ लिया है।
पटना में सामने आया ताजा मामला
राजधानी पटना में दो पीड़ितों ने साइबर थाना में शिकायत दर्ज कराई है कि उन्हें एक कॉल आया, जिसमें मुफ्त बिजली रजिस्ट्रेशन के नाम पर एक लिंक भेजा गया। कॉल करने वाले ने दावा किया कि लिंक में दी गई APK फ़ाइल डाउनलोड करने पर ही सब्सिडी मिलेगी। लेकिन जैसे ही उन्होंने वह फाइल डाउनलोड की, उनका मोबाइल हैक हो गया और बैंक खातों से करीब दो लाख रुपये गायब हो गए।
साइबर थाना की चेतावनी
साइबर थाना प्रभारी ने जानकारी दी कि ठग पहले भी स्मार्ट मीटर अपडेट, बिल भुगतान न होने की चेतावनी या अन्य तकनीकी बहानों से लोगों को धोखा दे चुके हैं। उन्होंने दो टूक कहा कि मुफ्त बिजली के लिए उपभोक्ताओं को किसी प्रकार के रजिस्ट्रेशन या लिंक पर क्लिक करने की आवश्यकता नहीं है। यदि कोई ऐसा दावा करता है तो वह साफ तौर पर ठगी का इशारा है।
तकनीक बनी ठगों का औजार
यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि तकनीक जहां एक ओर सुविधाएं दे रही है, वहीं अपराधी इसे हथियार बनाकर लोगों की मेहनत की कमाई चुरा रहे हैं। सरकार जहां लोगों को राहत देने का प्रयास कर रही है, वहीं साइबर ठग उसी योजना का सहारा लेकर ठगी की नई स्क्रिप्ट लिख रहे हैं।
जनता रहे सजग और सतर्क
ऐसे में जरूरी है कि आम लोग सतर्क रहें और किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें, न ही किसी अनजान ऐप को मोबाइल में इंस्टॉल करें। OTP, बैंक डिटेल्स या कोई निजी जानकारी किसी के साथ साझा करना भारी नुकसान का कारण बन सकता है।
सावधानी ही सुरक्षा है
मुफ्त बिजली जैसी योजनाओं के नाम पर कोई कॉल, मैसेज या लिंक मिले तो तुरंत सतर्क हो जाएं। क्योंकि एक छोटी सी लापरवाही आपकी जिंदगी की बड़ी पूंजी को खतरे में डाल सकती है।