बिहार सरकार ने राज्य की प्राथमिक स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ मानी जाने वाली आशा और ममता कार्यकर्ताओं को बड़ी सौगात दी है। बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय ऐतिहासिक है और यह इन महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के प्रति सरकार की गंभीर प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
मानदेय में भारी इजाफा, एक जुलाई से लागू होगा नया प्रावधान
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि वर्ष 2019 में जहां आशा कार्यकर्ताओं को हर महीने 1,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती थी, उसे अब बढ़ाकर 3,000 रुपये कर दिया गया है। वहीं, ममता कार्यकर्ताओं को पहले प्रति प्रसव 300 रुपये मिलते थे, जिसे अब बढ़ाकर 600 रुपये कर दिया गया है। यह नई व्यवस्था 1 जुलाई 2025 से प्रभाव में आ जाएगी।
लगभग एक लाख से ज्यादा कार्यकर्ताओं को मिलेगा लाभ
इस फैसले से 91,094 आशा कार्यकर्ताओं, 4,364 आशा फैसिलिटेटर्स और लगभग 4,600 ममता कार्यकर्ताओं को सीधा लाभ मिलेगा। इसके अलावा, सरकार आशा कार्यकर्ताओं को 13,180 रुपये का स्मार्टफोन, 200 रुपये मासिक मोबाइल रिचार्ज और दो साड़ियों के लिए 2,500 रुपये की अतिरिक्त राशि भी दे रही है।
स्वास्थ्य संकेतकों में दिखा सुधार
मंत्री ने बताया कि आशा और ममता कार्यकर्ताओं के अथक प्रयासों से राज्य में कई महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सूचकांकों में सुधार हुआ है।
- मातृ मृत्यु दर 2005 में 365 थी, जो अब घटकर 91 रह गई है।
- शिशु मृत्यु दर अब 27 पर है, जो राष्ट्रीय औसत के बराबर है।
- 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर 29 है, जो देश के औसत से बेहतर है।
- नवजात शिशु मृत्यु दर (0-28 दिन) 19 है, जो राष्ट्रीय स्तर के बराबर है।
- टीकाकरण कवरेज भी बढ़कर 95% तक पहुंच गया है।
नई बहाली प्रक्रिया और नियुक्तियों की जानकारी
मंगल पांडेय ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा 29,000 नई आशा कार्यकर्ताओं की बहाली प्रक्रिया तेज़ी से चल रही है। इसके अलावा, बीटीएस और बीपीएससी के माध्यम से विभिन्न स्वास्थ्य पदों पर नियुक्तियाँ भी जारी हैं। सरकार का लक्ष्य है कि राज्य के हर कोने में स्वास्थ्य सेवाएं समय पर और प्रभावी रूप में पहुंचे।
मुख्यमंत्री को धन्यवाद, कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ा
मंत्री ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार जताते हुए कहा कि इस फैसले से न केवल आशा और ममता कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि ग्रामीण और दूरदराज इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं और अधिक मजबूत होंगी।