बारिश के मौसम में हरे-भरे पहाड़, झरने और घाटियों की तलाश में दूर-दराज जाना अब ज़रूरी नहीं। बिहार के कैमूर जिले ने प्राकृतिक सुंदरता और पर्यटक सुविधाओं के मामले में नया मुकाम हासिल कर लिया है।
अब मानसून में मनाली या लोनावला की बजाय लोग कैमूर की ओर रुख कर रहे हैं।बीते कुछ वर्षों में कैमूर न केवल इको-टूरिज्म का नया केंद्र बनकर उभरा है, बल्कि पर्यटकों की संख्या में भी रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई है। वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अनुसार, जहां 2022-23 में करीब 50,000 पर्यटक यहां घूमने आए थे, वहीं 2023-24 में यह आंकड़ा 2.5 लाख तक पहुंच गया। आश्चर्यजनक रूप से, 2024-25 में 7.5 लाख पर्यटकों ने कैमूर की वादियों का आनंद लिया। आने वाले वर्ष 2025-26 में 10 लाख पर्यटक आने की संभावना जताई जा रही है।प्रकृति के बीच शांति और रोमांच का संगमकैमूर में पर्यटकों को सिर्फ पहाड़ नहीं, बल्कि झीलों का शांत जल, जंगलों की हरियाली, झरनों की कलकल और घाटियों की ठंडी फिज़ाएं भी आकर्षित करती हैं।
मानसून के महीनों में यह इलाका और भी जीवंत हो जाता है। यहां घूमते हुए हर कोना कैमरे में कैद करने लायक नजर आता है।स्थानीय लोगों और घूमने आए पर्यटकों का मानना है कि कैमूर की प्राकृतिक सुंदरता किसी भी प्रसिद्ध हिल स्टेशन से कम नहीं। एक बार यहां आने के बाद पर्यटक बार-बार लौटने की इच्छा जाहिर करते हैं। प्रशासन द्वारा टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर पर लगातार काम किया जा रहा है, जिससे कैमूर जल्द ही बिहार का टॉप टूरिस्ट डेस्टिनेशन बन सकता है।