बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य ने मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है। वर्ष 2005 में मातृ मृत्यु दर 365 थी, जो अब घटकर 91 रह गई है। शिशु मृत्यु दर घटकर 27 पर पहुंच गई है, जो राष्ट्रीय औसत के बराबर है। वहीं, पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर 29 है, जो देश के औसत से बेहतर है। नवजात शिशु मृत्यु दर (0–28 दिन) अब 19 है, जो राष्ट्रीय स्तर के समान है। उन्होंने बताया कि बिहार में संस्थागत प्रसव में वृद्धि और गृह प्रसव में कमी आई है।
मंगल पांडेय ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के डीवीडीएमएस (Drugs and Vaccine Distribution Management System) पोर्टल के अनुसार बिहार लगातार 11वें महीने दवा आपूर्ति और वितरण में देश में पहले स्थान पर है।स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तारउन्होंने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ और समय पर पहुंचाने के लिए लगातार स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति और नए अस्पतालों का निर्माण किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य स्वास्थ्य क्षेत्र में नई ऊंचाइयां छू रहा है।
अस्पतालों में आने वाले मरीजों को आवश्यकतानुसार मुफ्त दवाएं दी जा रही हैं।डीवीडीएमएस पोर्टल पर बिहार 82.13 अंकों के साथ पहले स्थान पर है, जबकि राजस्थान 78.61 अंकों के साथ दूसरे और पंजाब 73.28 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर है। वर्ष 2005 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में स्वास्थ्य सुधार की नई शुरुआत हुई थी और 1 जुलाई 2006 से मुफ्त दवा वितरण नीति लागू की गई थी। उस समय केवल 47 प्रकार की दवाएं उपलब्ध थीं, जो अब बढ़कर 611 हो चुकी हैं। इसके अलावा 20 अन्य प्रकार की दवाएं और 132 मेडिकल डिवाइस/कन्ज्यूमेबल भी निःशुल्क दिए जा रहे हैं।
टीकाकरण और आयुष्मान भारत योजना में उपलब्धियां-
एचएमआईएस आंकड़ों के अनुसार, राज्य में टीकाकरण का कवरेज 95% तक पहुंच चुका है। आयुष्मान भारत योजना के तहत बिहार ने 4 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य पूरा कर लिया है, जिससे राज्य इस योजना में देश में तीसरे स्थान पर है।उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार में पीएमसीएच का पुनर्विकास एक अहम मील का पत्थर साबित होगा। सरकार का लक्ष्य है कि हर नागरिक को बेहतर, सुलभ और निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा मिले, और इसी दिशा में बिहार लगातार प्रगति कर रहा है।