पटना, 11 अगस्त-
बरसाती मौसम में पशुओं की देखभाल को लेकर बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने पशुपालकों के लिए जरूरी दिशानिर्देश जारी किए हैं। विभाग ने स्पष्ट कहा है कि बारिश के दिनों में किसी भी परिस्थिति में पशुओं को बिजली के खंभे से न बांधें, क्योंकि गीले मौसम में करंट लगने का खतरा काफी बढ़ जाता है।
सलाह में बताया गया है कि पशुओं को संक्रामक बीमारियों से बचाने के लिए समय पर टीकाकरण कराएं। पशुशाला में जरूरत से ज्यादा पशुओं को न रखें और बारिश के दौरान उन्हें बाहर न छोड़ें। पानी कहीं जमा न होने दें, ताकि मच्छरों और परजीवी संक्रमण से बचाव हो सके।
बरसात शुरू होने से पहले पशुशाला की छत और दीवारों की मरम्मत कर लें, ताकि पानी का रिसाव न हो। खिड़कियां खुली रखें और उमस से बचाने के लिए पंखों का प्रयोग करें। मल-मूत्र की निकासी का सही इंतजाम हो और रोजाना फिनाइल के घोल से सफाई की जाए। समय-समय पर कीटनाशक का छिड़काव करना भी जरूरी है।
पशुओं के लिए साफ और ताजा पानी हमेशा उपलब्ध रखें, और चारा-पानी की व्यवस्था पशुशाला के नजदीक ही करें। तालाबों या जलाशयों में पशुओं को पानी पिलाने न ले जाएं, बल्कि बाल्टी से स्वच्छ पानी पिलाने की कोशिश करें।
मृत पशुओं को नदियों, तालाबों या चारागाह के रास्तों से दूर दफनाने की सलाह दी गई है। विभाग का कहना है कि इन सावधानियों का पालन करने से पशुपालक अपने मवेशियों को बरसात के खतरों से बचा सकते हैं और साथ ही अपनी आर्थिक स्थिति भी मजबूत कर सकते हैं।