बिहार के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल राजगीर आने वाले पर्यटक 19 अगस्त को रोपवे की सैर से वंचित रहेंगे। रोपवे प्रबंधन ने जानकारी दी है कि इस दिन मेंटेनेंस और सुरक्षा कारणों से 8 सीटर रोपवे का संचालन बंद रहेगा।
प्रबंधन के अनुसार, मरम्मत कार्य समय पर पूरा होने की स्थिति में 20 अगस्त से सेवा सामान्य रूप से शुरू कर दी जाएगी। हालांकि यदि तकनीकी काम में ज्यादा समय लगा तो फिर संचालन की तिथि को आगे बढ़ाया जा सकता है।
पर्यटन को मिल रही नई उड़ान
राजगीर रोपवे ने स्थानीय पर्यटन को नई पहचान दी है। हजारों की संख्या में पर्यटक रोज यहां पहुंच रहे हैं और रोपवे की मदद से विश्व शांति स्तूप और गृद्धकूट पर्वत तक कुछ ही मिनटों में आसानी से पहुंच पा रहे हैं।
गृद्धकूट पर्वत का महत्व
गृद्धकूट पर्वत वही जगह है, जहां भगवान बुद्ध ने अपने उपदेश दिए थे। पहले यहां तक पहुंचना पैदल लंबा और थकाने वाला सफर हुआ करता था, लेकिन रोपवे ने इसे बेहद आसान और सुविधाजनक बना दिया है।
रोपवे का अनुभव
प्रति दिन करीब 1,500 से ज्यादा सैलानी रोपवे का आनंद ले रहे हैं। झूलते केबिन से हरे-भरे पहाड़ और प्राकृतिक दृश्य यात्रियों को एक यादगार अनुभव देते हैं। यह न सिर्फ तेज और आरामदायक सफर कराता है बल्कि पर्यटकों को प्रकृति की खूबसूरती निहारने का भी मौका देता है।