बिहार विधानसभा चुनाव नज़दीक आते ही नेताओं का दल-बदल तेज़ हो गया है। मंगलवार को राजधानी पटना स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में तीन बड़े नेताओं ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इनमें पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा, पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि कुशवाहा और बिहार की पूर्व मंत्री सुचित्रा सिन्हा शामिल हैं।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने इन नेताओं को भाजपा की सदस्यता दिलाई। इसे चुनाव से पहले भाजपा की संगठनात्मक मजबूती के तौर पर देखा जा रहा है।
पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा ने कहा कि “भाजपा की मजबूती ही बिहार की मजबूती है। मैं किसी टिकट की मांग नहीं करूंगा, जीवन भर पार्टी के लिए काम करूंगा।” हालांकि सियासी हलकों में चर्चा है कि उन्हें बक्सर से चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है। मिश्रा पहले प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी में सक्रिय थे और यूथ विंग का नेतृत्व कर चुके थे। बीते साल उन्होंने बक्सर से निर्दलीय लोकसभा चुनाव भी लड़ा था, लेकिन सफलता नहीं मिली।
पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि कुशवाहा, जो कि क्रांतिकारी नेता दिवंगत जगदेव प्रसाद के पुत्र हैं, ने भाजपा में शामिल होते ही दावा किया कि “हम बिना शर्त पार्टी में आए हैं, और कुशवाहा समाज का पूरा समर्थन NDA को मिलेगा।” उनका राजनीतिक सफर काफी लंबा रहा है। वे लालू यादव की RJD, नीतीश कुमार की JDU और रामविलास पासवान की LJP का हिस्सा रह चुके हैं। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वे मंत्री भी रहे।
बिहार की पूर्व मंत्री सुचित्रा सिन्हा के शामिल होने को भाजपा रणनीतिक कदम मान रही है, क्योंकि इससे महिला वोट बैंक को साधने की कोशिश की जाएगी।
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, इन तीन नेताओं के आने से भाजपा को कई मोर्चों पर फायदा मिलेगा—आनंद मिश्रा युवाओं और पुलिस/सैनिक वर्ग में लोकप्रिय हैं, नागमणि कुशवाहा का पिछड़ा वोट बैंक NDA को मजबूती देगा, जबकि सुचित्रा सिन्हा का महिला नेटवर्क पार्टी की रणनीति को धार देगा।