भागलपुर पीरपैंती प्रखंड के गौरीपुर गांव में मातम का सन्नाटा छा गया बड़ी पोखर, जहां रोज़ाना गांव के बच्चे खेलने और नहाने जाते हैं, वहीं इस बार 12 वर्षीय मासूम मो. अरबाज अंसारी की जिंदगी लील गई सुबह-सुबह जब गांव के करीब दर्जनभर बच्चे पोखर में नहाने गए थे, तभी अचानक अरबाज गहरे पानी में फिसल गया। साथी बच्चों ने शोर मचाया तो गांव के लोग दौड़े, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। करीब दो घंटे तक ग्रामीण पानी में खोजबीन करते रहे। अंततः जब उसका शरीर पोखर से बाहर निकाला गया, तो पूरे गांव में मातम छा गया।ग्रामीणों ने CPR देने और अस्पताल ले जाने की कोशिश की, लेकिन मासूम अरबाज की सांसें रास्ते में ही थम गईं अरबाज के पिता मो. इब्राहिम अंसारी ने रोते हुए बताया कि सुबह हम सबने साथ बैठकर नाश्ता किया था .
इसके बाद मैं मजदूरी करने निकल गया थोड़ी ही देर बाद खबर आई कि मेरा बेटा पोखर में डूब गया है।अरबाज दो भाइयों और एक बहन में सबसे छोटा था। रविवार होने के कारण स्कूल की छुट्टी थी, इसलिए दोस्तों संग पोखर पर नहाने चला गया था लेकिन किसे मालूम था कि यह छुट्टी उसके जीवन की आखिरी छुट्टी बन जाएगी।गांव की बड़ी पोखर में सालों भर पानी रहता है। यह पोखर गांव की पहचान तो है, लेकिन अब तक यहां सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए। न तो बच्चों के लिए रोक-टोक है, न ही किनारे पर बैरिकेडिंग या चेतावनी बोर्ड लगे हैं।गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि इस पोखर में पहले भी कई बच्चों की जान जा चुकी है, लेकिन हर बार हादसे के बाद शोक और अफसोस के अलावा कुछ नहीं बदलता।अरबाज की मौत की खबर सुनते ही गांव में लोगों का तांता लग गया। रिश्तेदार और ग्रामीण मृतक के घर पहुंचे तो चारों ओर सिर्फ चीख-पुकार सुनाई दे रही थी। मां-बाप के आंसू और छोटे भाई-बहनों की सिसकियां देखकर हर किसी की सुरक्षित बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं.