बिहार के लिए गर्व का क्षण है। राज्य के तीन शिक्षकों का चयन वर्ष 2025 के राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए किया गया है। देशभर से कुल 45 शिक्षकों को इस सम्मान से नवाजा जाएगा, जिनमें बिहार के किशनगंज की कुमारी निधि, सुपौल के दिलीप कुमार और नालंदा के डॉ. प्रमोद कुमार शामिल हैं।
उत्कृष्ट योगदान और नवाचार के लिए मिला चयन
किशनगंज में प्रधान शिक्षिका के रूप में कार्यरत कुमारी निधि को उनके नेतृत्व और शैक्षणिक सुधारों के लिए चुना गया है। सुपौल के गर्ल्स हाई स्कूल के शिक्षक दिलीप कुमार को विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास और शिक्षा के प्रति समर्पण के लिए यह मान्यता मिली है। वहीं, नालंदा सैनिक स्कूल के शिक्षक डॉ. प्रमोद कुमार को शिक्षण में नवाचार और उत्कृष्ट कार्यों के लिए इस पुरस्कार के लिए चुना गया है।
5 सितंबर को राष्ट्रपति करेंगी सम्मानित
इन तीनों शिक्षकों को शिक्षक दिवस (5 सितंबर) के मौके पर नई दिल्ली में भारत की राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान न केवल उनके लिए गर्व का अवसर है बल्कि बिहार के लिए भी बड़ी उपलब्धि है।
प्रेरणा का स्रोत
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार का उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन काम करने वाले शिक्षकों को पहचान देना और दूसरों को प्रेरित करना है। इन शिक्षकों की उपलब्धियां आने वाले समय में अन्य शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए मिसाल बनेंगी।