पटनाः देश में जहां एक तरफ कोरोना का संकट चल रहा है। वहीं बात बिहार कि करें तो बिहार में एक तरफ जहां कोरोना का संकट जारी है। वहीं अब दूसरी तरफ राज्य में दूसरी बीमारियां भी अपना पैर पसारने लगी हैं। बिहार में मानसून के आने के साथ ही डेंगू का कहर भी मंडराने लगा है। इस दौरान राज्य सरकार ने राज्य के सभी जिलों में स्थित जिला और सदर अस्पताल में डेंगू वार्ड बनाने के आदेश जारी कर दिए हैं। सरकार का मानना है कि पहले से ही डेंगू के लिए तैयारी की जानी चाहिए ताकि अगर डेंगू का प्रकोप बढ़े तो उससे निपटने में कोई भी दिक्कत ना हो और मरीजों को ज्यादा परेशानी नहीं हो।
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खबर है कि बिहार के 16 जिलों पर डेंगू का खतरा मंडरा रहा है। इस दौरान राज्य सरकार ने सभी जिलों के अस्पतालों में स्पेशल वार्ड बनाने का निर्देश जारी कर दिया है। आपको बता दें कि पिछले साल अकेले बिहार में डेंगू के कई मामले सामने आए थे। जिसमें से पटना सबसे अव्वल रहा था। जानकारी के अनुसार बिहार में पिछले साल कुल 6 हजार 667 डेंगू के मामले सामने आए थे। इनमें से पटना में भारी जलजमाव के कारण सबसे अधिक 4905 मरीज पाए गए थे। विभाग ने डेंगू प्रभावित 16 प्रमुख जिलों को चिन्हित किया है जिनमें पटना, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, नालंदा, वैशाली, समस्तीपुर, औरंगाबाद, भोजपुर, दरभंगा, जहानाबाद, नवादा, पूर्णिया, सारण, सीतामढ़ी, सीवान और मधुबनी शामिल।
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बिहार में इस मानसून में इसके फैलने की संभावना को देखते हुए राज्य सरकार ने सूबे के सभी जिलों में स्थित जिला और सदर अस्पताल में डेंगू वार्ड बनाने का आदेश जारी किया है। स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश दिया है कि सभी जिला अस्पतालों में डेंगू के मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाया जाए। डेंगू के मरीजों के लिए 5-5 बेड की व्यवस्था मच्छरदानी सहित की जाएगी। इसके साथ ही जिला अस्पतालों में पैरासिटामोल और स्लाइन की उपलब्धता सुनिश्चित करायी गयी है। डेंगू के सामान्य मरीजों का इलाज इन्हीं से होता है। डेंगू के गंभीर मरीजों का इलाज राज्य के छः मेडिकल कॉलेज अस्पतालों और आरएमआरआई, पटना, आईजीआइएमएस और एम्स पटना में किया जाएगा. इन अस्पतालों में डेंगू के जांच की भी सुविधा है।