बिहार सरकार ने पटना और गया एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से जोड़ने के लिए नई पहल शुरू की है। हाल ही में जारी राज्य की एविएशन पॉलिसी के तहत विदेशी रूट पर उड़ान भरने वाली भारतीय एयरलाइंस को प्रति उड़ान 5 से 10 लाख रुपये तक का प्रोत्साहन दिया जाएगा।
इस योजना को लागू करने के लिए एक चार सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति बनाई गई है। समिति की अध्यक्षता कैबिनेट सचिवालय के अपर मुख्य सचिव करेंगे। इसमें वित्त विभाग (व्यय) के सचिव, वायुयान निदेशालय के निदेशक और प्रशासी पदाधिकारी भी शामिल होंगे।
नीति के अनुसार, केवल भारतीय विमानन कंपनियां जो अंतरराष्ट्रीय संचालन की सभी मंजूरी हासिल कर चुकी हैं, उन्हें ही यह लाभ मिलेगा। साथ ही विमान की सीट क्षमता न्यूनतम 150 या उससे अधिक होना जरूरी है। प्रोत्साहन केवल फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट को ही मिलेगा।
सरकारी सहायता शुरुआती छह महीने तक उपलब्ध रहेगी। इसके बाद मार्ग के वाणिज्यिक नतीजों की समीक्षा की जाएगी और ज़रूरत पड़ने पर इस अवधि को अगले छह महीने तक बढ़ाया जा सकेगा।
संभावित मार्ग और प्रोत्साहन राशि:
- पटना–काठमांडू: प्रति फेरी ₹5 लाख (वार्षिक खर्च ~₹18.25 करोड़)
- गया–शारजाह: प्रति फेरी ₹10 लाख (वार्षिक खर्च ~₹36.5 करोड़)
- गया–बैंकाक: प्रति फेरी ₹10 लाख
- गया–कोलंबो: प्रति फेरी ₹10 लाख
- गया–सिंगापुर: प्रति फेरी ₹10 लाख
सरकार का मानना है कि इस कदम से बिहार को अंतरराष्ट्रीय एविएशन मैप पर नई पहचान मिलेगी। खासकर गया एयरपोर्ट, जहां बौद्ध पर्यटन की वजह से एशियाई देशों की बड़ी भूमिका रही है, अब और सशक्त होगा। वहीं, पटना से काठमांडू जैसी उड़ानें धार्मिक, पर्यटन और व्यापारिक दृष्टिकोण से अहम साबित होंगी।
राज्य सरकार का दावा है कि इससे विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, बिहार की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। साथ ही, राज्य का हवाई कनेक्टिविटी नेटवर्क और मज़बूत होगा।