बिहार राज्य खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड के ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अब खादी उत्पाद देशभर के घरों तक पहुंच रहे हैं। डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म से बिक्री में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और खासतौर पर दक्षिण भारत में इनकी मांग तेजी से बढ़ी है।
बोर्ड की ई-कॉमर्स टीम के मोहम्मद अफजल आलम के मुताबिक, कुल बिक्री में दक्षिण भारत का योगदान सबसे अधिक 34% रहा है। तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक और केरल के ग्राहक खादी उत्पादों को ऑनलाइन खरीदने में सबसे आगे हैं।
इसके बाद उत्तर भारत का नंबर आता है, जहां बिक्री का हिस्सा 28% रहा। बिहार और उत्तर प्रदेश में खादी वस्त्रों और पारंपरिक उत्पादों को लेकर लोगों की रुचि लगातार बढ़ रही है। वहीं पूर्वी भारत में 10% बिक्री हुई, जिसमें पश्चिम बंगाल खादी उत्पाद खरीद में शीर्ष पर रहा। यहां धीरे-धीरे पारंपरिक वस्त्रों की लोकप्रियता बढ़ रही है।
पश्चिम भारत में भी बढ़ रही लोकप्रियता
पश्चिमी भारत में बिहार खादी की बिक्री का हिस्सा 15% रहा। महाराष्ट्र में ऑनलाइन मांग सबसे ज्यादा देखी गई। खासकर बिहारी गमछा, सिल्क साड़ियां और अन्य पारंपरिक परिधान यहां तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं।
लोग अब खादी को केवल कपड़ा नहीं, बल्कि फैशन और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक मानकर अपनाने लगे हैं। बिहारी गमछा और सिल्क साड़ियां ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सबसे ज्यादा बिकने वाले उत्पाद बन चुके हैं।
राज्य सरकार द्वारा खादी के प्रचार-प्रसार और ब्रांडिंग को लेकर किए जा रहे प्रयासों का असर साफ दिख रहा है। यही वजह है कि खादी अब आम जिंदगी का हिस्सा बनती जा रही है और आत्मनिर्भर भारत की पहचान को और मजबूत कर रही है।