बाइक सवार बदमाशों की लूट निकली फर्जी, पुलिस पूछताछ में फाइनेंस कर्मी फंसा

Jyoti Sinha

बिहार के मुजफ्फरपुर में लूट की सनसनीखेज शिकायत ने पुलिस-प्रशासन को चौंका दिया, लेकिन जांच के बाद पूरा मामला उल्टा पड़ गया। दरअसल, जिस फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी ने अपने साथ हथियार के बल पर लूट होने का दावा किया था, वही अब खुद पुलिस की पूछताछ के घेरे में है।

बृजबिहारी गली स्थित एक निजी फाइनेंस कंपनी में काम करने वाले रीतेश कुमार ने पुलिस को बताया कि बुधवार सुबह करीब 11 बजे वह साप्ताहिक वसूली का पैसा लेकर लौट रहा था। तभी सरस्वती चौक के पास बाइक सवार दो बदमाशों ने उसे रोककर रुपयों से भरा बैग लूट लिया और फरार हो गए।

उसने तुरंत ब्रह्मपुरा थाना प्रभारी विजयलक्ष्मी को सूचना दी। खबर मिलते ही पुलिस टीम और एसडीपीओ टाउन-2 विनीता सिन्हा घटनास्थल पर पहुंचीं और जांच शुरू की।

सीसीटीवी फुटेज ने खोली पोल
पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी कैमरों की बारीकी से जांच की। चौंकाने वाली बात यह रही कि फुटेज में किसी भी लूट की घटना नजर नहीं आई। वीडियो में रीतेश पैदल चलता दिखा, लेकिन उसके आसपास कोई संदिग्ध बाइक सवार नहीं था। यहां तक कि घटना से आधा घंटे पहले और बाद तक भी कोई आपराधिक गतिविधि दिखाई नहीं दी। पास की चाय दुकान की महिला दुकानदार ने भी पुष्टि की कि उसने किसी लूटपाट जैसी घटना होते नहीं देखी।

एसडीपीओ विनीता सिन्हा ने साफ कहा कि शिकायत पूरी तरह संदिग्ध है और सबूतों से लूट का दावा झूठा साबित हो रहा है।

फाइनेंस कर्मी हिरासत में, गहराई से पूछताछ जारी
फिलहाल पुलिस ने रीतेश कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। शक जताया जा रहा है कि या तो वसूली की रकम में गड़बड़ी छुपाने के लिए यह कहानी बनाई गई, या फिर किसी और वजह से नकली लूटकांड रचा गया।

अब पुलिस इस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है। बड़ा सवाल यही है कि रीतेश ने लूट का झूठा नाटक क्यों किया? क्या इसके पीछे किसी बड़े गबन की साज़िश है, या केवल फाइनेंस कंपनी की रकम हड़पने का प्रयास? जवाब जल्द सामने आएंगे, लेकिन इतना साफ है कि मुजफ्फरपुर की यह लूटकांड की कहानी असल नहीं, बल्कि एक फर्जी स्क्रिप्ट साबित हुई।

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