रबी महाभियान 2025-26 की शुरुआत- तकनीक, प्रशिक्षण और अनुदान से सशक्त होंगे बिहार के किसान

Rajan Singh

NEWS PR DESK- बिहार में रबी सीजन के सफल और समृद्ध भविष्य की दिशा में आज एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित अपने आवास से वासंतिक (रबी) महाभियान 2025-26 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने किसान जागरूकता वाहनों को हरी झंडी दिखाकर सभी जिलों के लिए रवाना किया।

राज्य के सभी 38 जिलों में भेजे गए एलईडी युक्त ये प्रचार वाहन पंचायत स्तर तक जाकर किसानों को नई कृषि तकनीकों, योजनाओं और अनुदानों की जानकारी देंगे। कृषि विभाग का यह अभियान रबी सीजन की फसलों की उत्पादन क्षमता और उत्पादकता बढ़ाने की दिशा में एक व्यापक प्रयास है।

तकनीकी ज्ञान और योजनाओं की जानकारी गांव-गांव तक

इस महाभियान में कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिकों और कृषि प्रसार कर्मियों की सक्रिय भूमिका रहेगी। वे खेत स्तर पर जाकर किसानों को आधुनिक कृषि तकनीक, फसल प्रबंधन, जलवायु अनुकूल खेती और विभागीय योजनाओं की जानकारी देंगे।

इसके साथ ही किसानों को विभिन्न योजनाओं में मिलने वाले अनुदान, प्रशिक्षण और सरकारी सुविधाओं तक पारदर्शी तरीके से पहुँच सुनिश्चित की जाएगी।
प्रमाणित बीज और उपादानों का वितरण
रबी महाभियान के दौरान किसानों को प्रमाणित बीज, उर्वरक और अन्य कृषि उपादान उपलब्ध कराए जाएंगे। विभाग द्वारा तेलहन, दलहन, मक्का, गेहूं और बागवानी फसलों के बीज अनुदानित दरों पर वितरित किए जा रहे हैं। इससे उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ किसानों की लागत भी घटेगी।

आत्मनिर्भर किसान, सशक्त कृषि

सरकार का लक्ष्य है कि इस अभियान के माध्यम से किसान सिर्फ खेती तक सीमित न रहें, बल्कि उन्हें तकनीकी ज्ञान और संसाधनों के माध्यम से आत्मनिर्भर और प्रतिस्पर्धी बनाया जाए। बेहतर उत्पादन तकनीक और योजनाओं की जानकारी से वे बाजार में अपनी फसलों का बेहतर मूल्य प्राप्त कर सकेंगे।
कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी
शुभारंभ समारोह में ऊर्जा सह योजना एवं विकास मंत्री श्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, पंचायती राज मंत्री श्री केदार प्रसाद गुप्ता, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, विकास आयुक्त डॉ. एस. सिद्धार्थ, कृषि विभाग के प्रधान सचिव श्री पंकज कुमार समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

रबी महाभियान 2025-26 न केवल राज्य के कृषि परिदृश्य को नया आयाम देगा, बल्कि किसानों को नई तकनीक, संसाधन और सरकारी योजनाओं के साथ एक सशक्त भविष्य की ओर अग्रसर करेगा।

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