पटना मेट्रो का लंबे इंतजार के बाद आखिरकार शुभारंभ हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को बिहार की पहली मेट्रो सेवा का उद्घाटन करते हुए इसे जनता को समर्पित किया। उद्घाटन के साथ ही मेट्रो ट्रेन पटलिपुत्र ISBT डिपो से रवाना होकर न्यू ISBT, जीरो माइल और भूतनाथ स्टेशन तक पहुंची। फिलहाल पहले चरण में यही तीन स्टेशन यात्रियों के लिए खुले हैं, जबकि नवंबर के अंत या दिसंबर तक संचालन को पांच स्टेशनों तक बढ़ाने की योजना है।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बेली रोड स्थित भूमिगत सेक्शन का शिलान्यास भी किया, जिसे परियोजना की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी माना जा रहा है।
भूमिगत लाइन बनने से शहर के भीड़भाड़ वाले हिस्सों में ट्रैफिक दबाव कम होगा और आवागमन में सुगमता आएगी।पटना मेट्रो का परिचालन रोजाना सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक होगा। यात्रियों की सुविधा के लिए हर 20 मिनट पर ट्रेन उपलब्ध रहेगी। फिलहाल इसकी अधिकतम गति 40 किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई है और यह एलिवेटेड ट्रैक पर चलेगी। किराया 15 से 30 रुपए के बीच रखा गया है — न्यू ISBT से जीरो माइल तक 15 रुपए और न्यू ISBT से भूतनाथ तक 30 रुपए। प्रत्येक ट्रेन में तीन कोच होंगे, जिनमें कुल 945 यात्री सफर कर सकेंगे। हर कोच में लगभग 305 यात्री बैठ या खड़े होकर यात्रा कर सकते हैं, जबकि 12 सीटें महिलाओं और दिव्यांगों के लिए आरक्षित हैं।सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए हर कोच में 360-डिग्री कैमरे और पैनिक बटन लगाए गए हैं।
दरवाजे ऑटोमैटिक हैं और डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड अगले स्टेशन की जानकारी देते रहेंगे।मेट्रो के कोच बिहार की सांस्कृतिक पहचान को भी दर्शाते हैं। नारंगी रंग की बोगियों को मधुबनी कला से सजाया गया है, जिन पर गोलघर, महावीर मंदिर, महाबोधि वृक्ष, नालंदा और बुद्ध स्तूप जैसे प्रतीक स्थल उकेरे गए हैं।मेट्रो सेवा शुरू होने से पहले मेट्रो रेल सेफ्टी कमिश्नर (CMRS) ने सुरक्षा जांच पूरी की थी। ट्रैक, सिग्नलिंग, गति और ब्रेकिंग सिस्टम की विस्तार से जांच के बाद मंजूरी दी गई। पहला ट्रायल रन 3 सितंबर को और दूसरा 7 सितंबर को 3.6 किमी लंबे रूट पर सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।पटना मेट्रो का यह शुभारंभ बिहार की राजधानी में आधुनिक शहरी परिवहन युग की शुरुआत है। अब पटना के लोग भी दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु की तरह मेट्रो यात्रा का अनुभव कर सकेंगे।