बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ और अरब सागर में बने दबाव क्षेत्र ने मौसम का रुख पूरी तरह बदल दिया है। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि 29 से 31 अक्टूबर के बीच उत्तर बिहार में हल्की से मध्यम बारिश और वज्रपात (बिजली गिरने) की संभावना है।
यह बदलाव छठ पर्व के ठीक बाद देखने को मिलेगा, जिससे जनजीवन और कृषि दोनों पर असर पड़ना तय माना जा रहा है।
मौसम विभाग का अलर्ट: बादलों की दस्तक, तापमान में गिरावट के संकेत
वरीय मौसम वैज्ञानिक डॉ. ए.के. सत्तार के अनुसार, चक्रवात ‘मोंथा’ का प्रभाव आने वाले दिनों में पूरे उत्तर बिहार में महसूस किया जाएगा। इस दौरान आसमान में घने बादल छाए रहेंगे और कई जिलों में रुक-रुककर बारिश हो सकती है।
मंगलवार को अधिकतम तापमान 33.2 डिग्री और न्यूनतम 22 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया — जो सामान्य से अधिक है। पछुआ हवाएं करीब 2.4 किमी/घंटा की रफ्तार से चल रही हैं, लेकिन अगले कुछ दिनों में मौसम करवट ले सकता है।
किसानों के लिए चेतावनी: फसल को करें सुरक्षित
इस समय धान की कटाई का दौर चल रहा है। ऐसे में मौसम विभाग ने किसानों को विशेष रूप से सचेत किया है।
कटी हुई फसल को बारिश और तेज़ हवा से बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों पर रखे जाने की सलाह दी गई है।
तेज़ हवाओं और वज्रपात की संभावना को देखते हुए आम जनता को भी सावधानी बरतने को कहा गया है —
पेड़ों के नीचे, बिजली के खंभों या खुले मैदानों में खड़े होने से परहेज़ करें।
🌡️तापमान में गिरावट, ठंड बढ़ने के आसार
बारिश और बादलों की आवाजाही के कारण तापमान में गिरावट की संभावना जताई गई है।
अधिकतम तापमान 2 से 4 डिग्री तक नीचे जा सकता है, जिससे सुबह और शाम के समय ठंड का असर महसूस होगा।
मौसम के इस अचानक बदलाव से दैनिक जीवन पर असर पड़ेगा।
⚠️ प्रशासन सतर्क, अलर्ट पर सभी विभाग
‘मोंथा’ का असर सिर्फ बारिश तक सीमित नहीं रहेगा। 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं।
संभावित खराब मौसम को देखते हुए प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। संबंधित विभागों को तैयार रहने का निर्देश दिया गया है।
लोगों से अपील की गई है कि यात्रा से पहले मौसम अपडेट ज़रूर जांच लें और ज़रूरत पड़ने पर ही बाहर निकलें।