खगड़िया: भोजपुरी अंदाज़ में बोले बीजेपी सांसद रवि किशन, कहा – अब बिहार में हथियार नहीं, विकास की बात होती है

Jyoti Sinha

खगड़िया जिले में आयोजित एक जनसभा के दौरान भोजपुरी सुपरस्टार और बीजेपी सांसद रवि किशन ने अपने खास अंदाज़ में जनता को संबोधित किया। उन्होंने कार्यक्रम की शुरुआत भोलेनाथ के जयघोष से की और लोगों से लोजपा प्रत्याशी बाबूलाल शौर्य के पक्ष में वोट देने की अपील की।

रवि किशन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में ‘डबल इंजन की सरकार’ विकास की नई दिशा तय कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर परबत्ता विधानसभा क्षेत्र से बाबूलाल शौर्य को समर्थन मिलेगा, तो सांसद राजेश वर्मा के नेतृत्व में इलाके का विकास तेज़ी से होगा।

सभा के दौरान रवि किशन ने अपने फिल्मी और भोजपुरी अंदाज़ में शायरी और गीतों की बौछार कर दी। उनके गाए गीतों पर लोग झूम उठे। उन्होंने कहा,

“अब वो बिहार नहीं रहा जहां हथियार और कट्टे की बात होती थी, अब मोदी और नीतीश की सरकार में विकास की बात होती है।”

उन्होंने यह भी खुलासा किया कि प्रचार के दौरान उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं। रवि किशन ने मंच से कहा —

“कहा जा रहा है कि माथे पर गोली मार दी जाएगी। मैं कहता हूं, मेरा माथा खाली है, गोली मार दो। लेकिन याद रखना, एक रवि किशन नहीं, हजारों रवि किशन पैदा होंगे। किस-किस को मारोगे?”


आशुतोष कुमार ने लालू यादव पर साधा निशाना

कार्यक्रम में मौजूद भाजपा नेता आशुतोष कुमार, जो दो महीने पहले पार्टी से जुड़े हैं, ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि लालू यादव के शासनकाल में बिहार ‘जंगलराज’ में तब्दील हो गया था। उन्होंने कहा,

“जब मैं 12 साल का था, तब नक्सलियों के डर से रात में घर में नहीं सोता था। आज सुशासन की सरकार में कोई किसी को डरा नहीं सकता।”

आशुतोष ने कांग्रेस सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पहले सेना को कार्रवाई से पहले दिल्ली से आदेश लेना पड़ता था, लेकिन अब मोदी सरकार में सेना को स्वतंत्र रूप से आतंकवादियों और अपराधियों पर कार्रवाई की अनुमति है।


सभा में उमड़ा जनसैलाब

जनसभा में हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे। रवि किशन के भोजपुरी अंदाज़ और गीतों ने माहौल को पूरी तरह चुनावी रंग में रंग दिया। यह सभा लोजपा प्रत्याशी बाबूलाल शौर्य के समर्थन में आयोजित की गई थी, जिसे भाजपा और एनडीए गठबंधन के प्रचार अभियान की बड़ी कड़ी माना जा रहा है।

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