पटना में बदली अंडे की पसंद, स्थानीय अंडों की बढ़ी मांग

Jyoti Sinha

पटना जिले में लोगों की अंडा खाने की पसंद अब बदलती नज़र आ रही है। पहले यहां आंध्र प्रदेश, बंगाल और पंजाब से बड़ी मात्रा में अंडे मंगाए जाते थे, लेकिन अब लोग स्थानीय अंडे खरीदना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। खासकर मोकामा और मुजफ्फरपुर में उत्पादित अंडों की मांग तेज़ हो गई है।


कई राज्यों से आती हैं अंडे की गाड़ियां

अंडे के थोक कारोबारी विकास साहू के अनुसार, पंजाब, आंध्र प्रदेश, बंगाल और बिहार के कई जिलों से रोजाना लगभग एक दर्जन गाड़ियां अंडे लेकर पटना पहुंचती हैं। इनमें से सबसे ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं—मोकामा और मुजफ्फरपुर के अंडे, जिनका स्वाद और गुणवत्ता उपभोक्ताओं को भा रहा है।


अंडे की कीमतों में तेज़ उछाल

ठंड पूरी तरह शुरू भी नहीं हुई है, लेकिन अंडे के दाम पहले ही बढ़ गए हैं। पिछले साल की तुलना में इस बार एक कार्टन अंडा 50–52 रुपये महंगा हो गया है।

अंडा व्यापारी दिनेश कुमार बताते हैं कि पंजाब समेत अन्य राज्यों के अंडों की परत पतली होने के कारण वे ज्यादा टूट जाते हैं, इसी वजह से लोग स्थानीय अंडों की ओर ज्यादा झुक रहे हैं।

छठ पूजा के बाद कीमतों में और बढ़ोतरी हुई है—

  • पहले 30 अंडों का पत्ता 185 रुपये मिलता था
  • अब इसकी कीमत 195 से 200 रुपये या उससे ज्यादा हो गई है

अंडे के कार्टन (7 पत्ते) का दाम अब करीब 1400 रुपये पहुंच चुका है, जबकि पिछले साल यही कार्टन लगभग 1300 रुपये का था।


खुदरा कीमतें भी बढ़ीं, आगे और बढ़ोतरी की उम्मीद

खुदरा बाजार में एक अंडा अब 9 से 10 रुपये में बिक रहा है। व्यापारी अनुमान लगा रहे हैं कि आगे कीमतों में और वृद्धि हो सकती है, क्योंकि मुर्गी के दाने की लागत काफी बढ़ गई है।


रेस्टोरेंटों पर फिलहाल असर नहीं

अंडे महंगे होने के बावजूद रेस्टोरेंटों में कीमतों का बोझ ग्राहकों पर अभी नहीं डाला जाएगा। एक रेस्टोरेंट संचालक दिलीप सिंह का कहना है कि वे थोक में खरीदारी करते हैं, जहां अभी भी पुराने रेट पर अंडे मिल रहे हैं। हालांकि, उन्होंने माना कि कीमतें बढ़ने से उनके मुनाफे पर असर जरूर पड़ रहा है, क्योंकि अंडा कई व्यंजनों की मुख्य सामग्री है।

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