पटना हाईकोर्ट ने राज्य में बढ़ते ध्वनि प्रदूषण पर गंभीर रुख अपनाते हुए शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया। कोर्ट ने कहा कि बिहार पुलिस और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ध्वनि प्रदूषण से जुड़ी नागरिक शिकायतों के लिए डायल 112 को प्राथमिक हेल्पलाइन नंबर के रूप में तुरंत लागू करें। साथ ही कोर्ट ने इस व्यवस्था के व्यापक प्रचार-प्रसार पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
मसौढ़ी एसएचओ पर कड़ी नाराजगी
जस्टिस राजीव रॉय ने सुरेंद्र प्रसाद की अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान विभिन्न अधिकारियों द्वारा दायर रिपोर्टों की समीक्षा की।
सरकारी अधिवक्ता प्रशांत प्रताप ने एसडीपीओ-1 द्वारा कई थानों में उठाए गए कदमों की जानकारी अदालत को दी।
कोर्ट ने एसडीपीओ मसौढ़ी के कार्य को संतोषजनक और प्रभावी बताया।
लेकिन इसी दौरान सीनियर एडवोकेट अजय ने एसएचओ मसौढ़ी के कामकाज में गंभीर खामियों की ओर इशारा किया, जिस पर कोर्ट ने कड़े शब्दों में असंतोष व्यक्त किया।
हाईकोर्ट ने एसएचओ को निर्देश दिया कि वह पूर्व में जारी सभी आदेशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें, अन्यथा उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। अगली सुनवाई में उनसे व्यक्तिगत जवाब भी मांगा गया है।
कंट्रोल रूम की विफलता पर नाराज़गी, 24×7 सेवा का निर्देश
सुनवाई के दौरान वकीलों ने कोर्ट को बताया कि:
एसडीओ मसौढ़ी और पालीगंज द्वारा ध्वनि प्रदूषण शिकायतों के लिए दिए गए नंबर काम नहीं कर रहे।
पटना सदर उपखंड में अब तक कोई कंट्रोल रूम हेल्पलाइन शुरू ही नहीं हुई।
इन गंभीर त्रुटियों को देखते हुए, कोर्ट ने एसडीओ मसौढ़ी और पालीगंज को तत्काल आदेश दिया कि ध्वनि प्रदूषण की शिकायतों के लिए जारी किए गए कंट्रोल रूम हेल्पलाइन नंबर 24 घंटे सक्रिय रखें और सेवा में किसी प्रकार की रुकावट न हो।
अगली सुनवाई जनवरी 2026 में
जस्टिस रॉय ने संकेत दिया कि अगली सुनवाई में अन्य उपखंडों में भी इसी तरह के आदेशों के अनुपालन की समीक्षा की जाएगी।
इस मामले पर अगली सुनवाई जनवरी 2026 के पहले सप्ताह में निर्धारित की गई है।