बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की ऐतिहासिक जीत का दिन, तरारी के लिए शोक की घड़ी बन गया। जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी चंद्रशेखर सिंह का शुक्रवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। प्रचार के दौरान उन्हें 31 अक्टूबर को पहला हार्ट अटैक आया था। तब डॉक्टरों ने उन्हें बचा लिया था और उनका इलाज चल रहा था। लेकिन जिस दिन चुनाव परिणाम आने थे, उसी दिन आया दूसरा अटैक घातक साबित हुआ।
रिजल्ट से पहले ही बुझ गई जिंदगी, तरारी में छायी उदासी
जब पूरे बिहार में चुनाव नतीजों को लेकर उत्सुकता थी—काउंटिंग सेंटरों से लेकर गांवों तक लोग टीवी और मोबाइल पर बढ़ते-घटते नंबरों पर नजरें जमाए थे—उसी दौरान तरारी से आई खबर ने माहौल गमगीन कर दिया। शाम होते-होते सूचना आई कि चंद्रशेखर सिंह अब इस दुनिया में नहीं रहे। चुनावी हंगामे के बीच यह खबर लोगों को स्तब्ध कर गई।
31 अक्टूबर को हुए पहले हार्ट अटैक के बाद उनकी स्थिति में सुधार की उम्मीद थी। लेकिन शुक्रवार दोपहर हालत अचानक बिगड़ी और शाम तक उन्होंने दम तोड़ दिया।
शिक्षक से नेता बने चंद्रशेखर, सादगीभरी छवि के लिए जाने जाते थे
चंद्रशेखर सिंह का परिचय सिर्फ एक राजनीतिक नेता का नहीं था; वे लंबे समय तक शिक्षा से जुड़े रहे। शिक्षक संघ में उनकी मजबूत पकड़ थी और वे ब्रह्मर्षि समाज के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके थे। जन सुराज में वे संगठन को मजबूत करने वाले प्रमुख लोगों में शामिल थे—गांव-गांव जाकर पार्टी को खड़ा करने में उनकी भूमिका अहम मानी जाती थी।
तरारी में बीजेपी को बड़ी सफलता, माले बनी उपविजेता
तरारी विधानसभा सीट पर इस बार बीजेपी उम्मीदवार विशाल प्रशांत ने भारी जीत दर्ज की। उन्हें 96,887 वोट मिले। माले के मदन सिंह 85,423 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे। जन सुराज के दिवंगत उम्मीदवार चंद्रशेखर सिंह को 2,271 वोट मिले और वे चौथे स्थान पर रहे।
जन सुराज को गहरा आघात
चंद्रशेखर सिंह का निधन पार्टी के लिए बड़ी क्षति माना जा रहा है। जन सुराज के नेताओं ने सोशल मीडिया पर गहरा शोक व्यक्त किया और उन्हें संगठन का मजबूत स्तंभ बताया। परिवार से लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं तक, सभी इस अचानक हुई घटना से आहत हैं।