बिहार के 27 हजार शिक्षकों को बड़ी सौगात : नई सरकार ने पूरी की मनचाही पोस्टिंग की मुराद, शेड्यूल जारी

Puja Srivastav

NEWS PR डेस्क : बिहार के हजारों शिक्षकों के लिए लंबे इंतज़ार के बाद आखिरकार बड़ी खुशखबरी आ गई है। नई सरकार के गठन के तुरंत बाद शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को मनचाही पोस्टिंग देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शिक्षा विभाग के एसीएस डॉ. बी. राजेन्द्र ने इसकी औपचारिक घोषणा करते हुए विस्तृत शेड्यूल भी जारी कर दिया है। यह कदम न सिर्फ शिक्षकों की पुरानी मांग को पूरा करता है, बल्कि नई सरकार की ओर से शिक्षक समुदाय को एक बड़ा सकारात्मक संदेश भी माना जा रहा है।

किसे मिलेगा नया जिला?

इंटर-डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर के लिए कुल 41,684 शिक्षकों ने आवेदन किया था। इनमें से 24,732 शिक्षक पहले ही अपनी पसंद का जिला पा चुके थे। बाकी बचे आवेदकों में से तीन अतिरिक्त विकल्प लेने के बाद 2,439 शिक्षकों को भी जिला आवंटित कर दिया गया। इस तरह अब कुल 27,171 शिक्षकों का जिला आवंटन अंतिम चरण में पहुंच चुका है।

अब क्या करना होगा शिक्षकों को?

शिक्षकों को अब अगले चरण में अपनी पसंद के 5 प्रखंडों के विकल्प देने होंगे।

विकल्प देने की तारीख: 24 नवंबर से 5 दिसंबर

प्रखंड आवंटन: 10 से 15 दिसंबर

नया तैनाती पत्र: 31 दिसंबर तक सभी शिक्षकों को मिलेगा

यह पूरा प्रोसेस इस बार पूरी तरह पारदर्शी और चरणबद्ध रखने की बात कही गई है।

किसे मिलेगी प्राथमिकता?

पोस्टिंग प्रक्रिया में दिव्यांग और महिला शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी। जिन्हें उनके चुने गए 5 प्रखंडों में जगह नहीं मिलेगी, उन्हें जिले के किसी अन्य उपलब्ध प्रखंड में पोस्टिंग दी जाएगी। ध्यान रहे यदि कोई शिक्षक प्रखंड विकल्प नहीं देता है, तो उसका जिला आवंटन ही रद्द कर दिया जाएगा।

पोस्टिंग कैसे तय होगी?

पोस्टिंग इन आधारों पर निर्धारित होगी—

संबंधित विषय में रिक्तियां

स्कूलों में सीटों की उपलब्धता

शिक्षक की श्रेणी के आधार पर वरीयता

पहले परमानेंट टीचर

फिर विशिष्ट शिक्षक

अंत में स्कूल टीचर

यानी पूरा सिस्टम मेरिट + आवश्यकता आधारित मॉडल पर चलेगा।

नई सरकार का बड़ा कदम

सरकार के सत्ता संभालते ही यह बड़ा फैसला आना राजनीतिक और प्रशासनिक, दोनों दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे हजारों परिवारों को राहत मिलेगी और शिक्षा व्यवस्था में स्थिरता आने की उम्मीद बढ़ गई है। कुल मिलाकर, बिहार के शिक्षकों के लिए यह साल का सबसे बड़ा तोहफ़ा साबित हो सकता है।

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