NEWSPR डेस्क। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 काफी दिलचस्प रहा हैं और काफी ट्रेंड में भी रहा हैं । कोरोना काल में हुए इस चुनाव के बाद भी लोगों ने भारी मात्रा में मतदान किया। आपको बता दे की 2020 का ये चुनाव 243 विधानसभा सीटों पर हुआ था जिसके बाद कल यानी की 10 नवंबर को चुनाव का परिणाम घोषित किया गया। चुनाव के परिणाम में NDA को मिली भारी बहुमत से दूसरी पार्टी बौखलाई हुई हैं। राजद और कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने पटना में चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की और प्रशासन द्वारा उनके उम्मीदवारों को विजयी प्रमाण पत्र प्रदान करने में गुंडागर्दी का आरोप लगाया, जबकि एक अन्य MGB घटक, CPI-ML, ने तीन निर्वाचन क्षेत्रों में भर्ती की मांग की हैं।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA), नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) के नेतृत्व में, बिहार में दुबारा बहुमत के साथ सत्ता में है। सत्तारूढ़ गठबंधन ने 243 सदस्यीय राज्य विधानसभा में 125 सीटें जीतीं। राष्ट्रीय जनता दल के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने 110 का नेतृत्व किया। जनादेश कुमार के लिए लगातार चौथे कार्यकाल का मार्ग प्रशस्त करता है। इसकी हार के बावजूद, राजद 75 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। भाजपा 74 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही। आपको बता दे की परिणाम के घोषणा होने से पहले तमाम मीडिया रिपोर्ट्स के तरफ से जारी एग्जिट पोल के अनुसार ये अंदाज़ा लगाया जा रहा था की इस बार तेजस्वी यादव की सरकार बनेगी। लालू के बेटे को लोग बधाइयां भी देने लगे थे पर 2020 के चुनावी दंगल में आरजेडी और एनडीए के बीच कांटे की टक्कर के बाद कुछ वोटों से हार गए। लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने बिहार चुनाव परिणाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “जीत” बताया, कहा कि लोगों ने उन पर भरोसा दिखाया था। आपको बता दे की पासवान की पार्टी सिर्फ एक सीट जीतने में सफल रही। इसके अलावा महागठबंधन के हिस्से के रूप में चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस का प्रदर्शन उदासीन था। यह गठबंधन को केवल 19 सीटें जीतने में कामयाब रही, लगभग 25 प्रतिशत सीटें इसे आवंटित की गईं।
बिहार की जनता ने एक बार फिर नीतीश कुमार के नेतृत्व पर अपना भरोसा कायम रखा है. बिहार की जनता ने 15 वर्ष के सुशासन को एक बार फिर से पांच साल के लिए जनादेश दिया है. नितीश कुमार की इस जीत के पीछे औरतों के वोट का कारन बताया जा रहा हैं जिसका मुख्या कारन बिहार में हुए शराब बंदी को मना जा रही हैं। मुख्यमंत्री का ये दाएं चुनाव के लिए काफी फायदे का साबित हुए हैं
इसी जीत के साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक इतिहास रचने वाले हैं. नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर सातवीं बार सपथ लेंगे. इसके साथ ही नीतीश कुमार के नाम सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बनने का इतिहास जुड़ जाएगा.
नीतीश कुमार की इस बड़ी जीत के पीछे औरतों के वोट को बताया जा रहा हैंजिसका मुख्य कारन बिहार में हुए शराब बंदी हैं। नीतीश के शराब बंदी का निर्णय इस बार के चुनाव में उनके लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ हैं.