NEWSPR डेस्क। नीतीश कुमार पहली बार ‘परिस्थितियों’ के मुख्यमंत्री बने हैं. इस शब्द का इस्तेमाल बहुत पहले बिहार के बाहुबली पूर्व सांसद शहाबुद्दीन ने नीतीश कुमार के लिए किया था. जिसके बाद शहाबुद्दीन को फिर से जेल का रास्ता दिखा दिया गया. तब उस समय नीतीश कुमार राजद और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाए थे, और शहाबुद्दीन जैसे राजद के बड़े नेता को नहीं छोड़ा था. लेकिन आज बीजेपी जैसे ही बड़े भाई की भूमिका में आई है. नीतीश कुमार ने सरेंडर कर दिया है.
पहली बार बिहार में बने दो-दो उपमुख्यमंत्री:-
बिहार के गठन के बाद इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि बिहार में दो-दो उपमुख्यमंत्री बनाए गए हैं. यानि इससे पहले एक ही उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री बनाए जाते थे. लेकिन इसबार बीजेपी के दबाव में वो सब कुछ संभव हो पा रहा है. जिसे कभी नीतीश होने नहीं देते.
मंत्रिमंडल में एक भी मुस्लिम चेहरा नहीं:-
नीतीश कुमार की छवि एक सेक्यूलर राजनेता के रूप में है. जेडीयू की ओर से मंत्रिमंडल में कम से कम एक मुस्लिम चेहरा को शामिल किया जाता रहा है. लेकिन इसबार किसी भी मुस्लिम चेहरे को मंत्रालय में शामिल नहीं किया गया है.
पहली बार राज्य में बनी महिला उपमुख्यमंत्री:-
बिहार के इतिहास में यह भी पहली बार हुआ है, जब किसी महिला को मंत्रिमंडल में उपमुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई हो. इससे पहले कभी कोई महिला उपमुख्यमंत्री नहीं बनी है.