लव जिहाद के खिलाफ कानून के तहत यूपी में पहला केस हुआ दर्ज, जबरन धर्म परिवर्तन कर निकाह करने की थी कोशिश

Sanjeev Shrivastava

NEWSPR डेस्क। उत्तर प्रदेश में लव जिहाद का नया कानून लागू होने के बाद शनिवार को देर रात देवरनिया थाने में पहला मुकदमा दर्ज किया गया। लव जिहाद के आरोप में बरेली जिले के देवरनिया पुलिस ने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 3/5 की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया है। FIR दर्ज होने के बाद से ही आरोपी घर से फरार है। उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि दूसरे धर्म का युवक धर्म परिवर्तन का दबाव बनाकर निकाह करना चाहता था।

ख़बरों के अनुसार देवरनिया के एक गांव में रहने वाली युवती की उवैश से जान-पहचान थी। दोनों इंटर तक एक ही कॉलेज में पढ़े। तीन साल पहले वहां पढ़ाई पूरी करने के बाद युवती दूसरे कॉलेज में पढ़ने लगी। इसके बावजूद उवैश उसे परेशान करता रहा। युवती के अनुसार, एक साल से वह लगातार दबाव बना रहा था कि धर्म परिवर्तन कर उससे निकाह करे। शुरू में वह टालती रही। डर था कि मामले को तूल दिया तो बदनामी होगी। बाद में विरोध किया तो अपहरण करने की धमकी देने लगा।

युवती के अनुसार, उसने यह बात अपने स्वजन को बताई, जिसके बाद आरोपित को समझाने का प्रयास किया गया मगर, उसका दुस्साहस बढ़ता गया। विवाद से बचने के लिए युवती के पिता ने जून में उसकी शादी किसी दूसरी जगह कर दी। युवती की शादी होने के बाद भी उवैश उसके स्वजन को परेशान करता। आए दिन घर पहुंचकर अभद्रता करता था।

युवती के पिता का कहना है कि शनिवार को भी वह घर आ गया। कहने लगा कि अपनी बेटी को ससुराल से घर बुलाओ। उसे मुझसे ही निकाह करना होगा। धर्म परिवर्तन करना होगा, तभी तुम लोगों की जान बच सकेगी। इसके बाद तमंचा दिखाकर जान से मारने की धमकी देने लगा। रात करीब आठ बजे युवती के पिता थाने पहुंचे और पूरा घटनाक्रम बताया। इसके बाद रात करीब 11 बजे पुलिस ने उसके खिलाफ विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 3/5 का मुकदमा दर्ज कर उसके घर दबिश दी मगर हाथ नहीं आया।

एसपी देहात संसार सिंह के अनुसार आरोपित उवैश अहमद के खिलाफ विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपित के पकड़ने के लिए थाने की पुलिस लगातार दबिश दे रही है।

क्या है लव-जिहाद के खिलाफ कानून :-

उत्तर प्रदेश में अब छल-कपट से, कोई प्रलोभन देकर अथवा जबरन कराए गए धर्मांतरण के लिए कानून लागू हो गया है। अब धर्मांतरण करने के लिए कम से कम 60 दिन पूर्व जिलाधिकारी अथवा संबंधित अपर जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष तय प्रारूप के तहत आवेदन करना भी अनिवार्य होगा। आवेदन पत्र में यह घोषणा करनी होगी कि संबंधित व्यक्ति खुद से, अपनी स्वतंत्र सहमति से तथा बिना किसी दबाव, बल अथवा प्रलोभन के धर्म परिवर्तन करना चाहता है।

इसके अलावा घोषणा करने के दिनांक से 21 दिनों के भीतर संबंधित व्यक्ति को जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत होकर अपनी पहचान स्थापित करनी होगी और घोषणा की विषयवस्तु की पुष्टि करनी होगी। जिलाधिकारी धर्म परिवर्तन के वास्तविक आशय, प्रयोजन व कारण की पुलिस के जरिए जांच कराने के बाद अनुमति प्रदान करेंगे।

Share This Article