नीतीश सरकार की मंत्री शीला मंडल घिरी अपने ही बयान में, वीर कुंवर सिंह को लेकर दिया था संवेदनहीन बयान

Sanjeev Shrivastava

NEWSPR डेस्क। बिहार विधानसभा चुनाव में जीत के बाद पहली बार जेडीयू नेता शीला मंडल मंत्री बनाई गईं थी जिसके बाद इन दिनों अपने द्वारा दिए गए बयान के कारण वह विवादों में घिर गई हैं. बिहार सरकार की परिवहन मंत्री शीला मंडल ने बाबू वीर कुंवर सिंह को लेकर संवेदनहीन बयान दिया था, जिसके बाद वे सुर्खियों में आ गईं थी. हालांकि, अब उन्होंने अपने बयान पर सफाई दी है और कहा है कि मेरा उदेश्य किसी को ठेस पहुँचाना नहीं था.

बिहार के सुपौल के निर्मली पहुंची शीला मंडल ने कहा, ” सीतामढ़ी जिले के बाजपट्टी के मधुरा गांव में एक कार्यक्रम के दौरान मैंने शहीद रामफल मंडल के आवास पर वीर कुंवर सिंह के बारे में बयान दिया था. उस बयान पर आपत्ति आई है, जबकि मेरा इरादा कहीं से भी किन्ही के भावनओं को ठेंस पहुंचाने का नहीं था. मेरे दिल में वीर कुंवर सिंह के प्रति असीम श्रद्धा है. मेरे उस बयान से जिनकी भी भावना को ठेंस पहुंची है, उनके लिए मैं खेद प्रकट करती हूं.”

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दरसअल, बिहार सरकार की परिवहन मंत्री शीला मंडल बीते दिनों बिहार के सीतामढ़ी के बाजपट्टी प्रखंड में शहीद रामफल मंडल के श्रद्धांजलि कार्यक्रम में पहुंची थीं, जहां उन्होंने बाबू वीर कुवर सिंह को लेकर विवादित बयान दिया था. शीला मंडल ने कहा कि बाबू वीर कुंवर का एक हाथ कटा तो उनका देश दुनिया में नाम हो गया, बच्चे-बच्चे उनके बारे में जानते और पढ़ते हैं. लेकिन रामफल मंडल जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपनी जान दे दी, उन्हें कोई नहीं जानता.

गौरतलब है कि सीतामढ़ी के बाजपट्टी के रहने वाले रामफल मंडल देश के उन स्वतंत्रता सेनानियो में शामिल हैं जिन्होंने देश के आजादी के लिए अपनी कुर्बानी दी थी.

आपको बता दे कि इस बार के चुनाव में शीला मंडल को फुलपरास विधानसभा सीट से दो बार की सीटिंग गुलजार देवी का टिकट काटकर उम्मीदवार बनाया गया था. ऐसे में चुनावी मैदान में विपक्षी पार्टी के उम्मीदवार के साथ ही उनके खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के तौर ओर गुलजार देवी भी मैदान में थीं. लेकिन शीला ने नीतीश कुमार के विश्वास को कायम रखते हुए कांग्रेस के कृपानाथ पाठक को लगभग 10,000 वोटों से हराकर जीत हासिल की, जिसके बाद नीतीश सरकार में उन्हें कैबिनेट में जगह मिली.

 

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