पटना डेस्क
पटनाः कोरोना के कारण ट्रेनों का परिचालन बंद है, लेकिन कुछ ट्रेने ऐसी हैं, जो संभव है कि लाकडाउन के बाद भी पटरियों पर दौड़ती नजर न आए। इनमें कई ट्रेने ऐसी हैं, जो बिहार से चलती है या बिहार से होकर गुजरती है। बताया जा रहा है कि कुल 17 जोड़ी ट्रेनें ऐसी हैं, जिन्हे बंद करने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड के पास भेजा है।
जानकारी के अनुसार पूर्व रेलवे और पूर्व मध्य रेलवे ने रेलव बोर्ड को कुछ ट्रेनों को स्थायी रूप से बंद करने का प्रस्ताव भेजा है। इनमें 17 जोड़ी वह है जो बिहार से जुड़ी हुई है। इन ट्रेनों में जो प्रमुख गाड़ियों के नाम सामने आ रहे हैं, उनमें राजगीर-हावड़ा फास्ट पैसेंजर, सियालदह-आनंद विहार एक्सप्रेस, वाराणसी-सियालदह के बीच चलनेवाली अपर इंडिया एक्सप्रेस, गंगानगर-हावड़ा के बीच चलनेवाली तूफान एक्सप्रेस और पटना-हावड़ा एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों के नाम शामिल हैं। इसके अलावा कुछ और ट्रेनों को स्थायी रूप से बंद करने की बात कही जा रही है। हालांकि जोनल कार्यालय से भेजे गए प्रस्ताव पर रेलवे बोर्ड ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है।
ज्यादा ठहराव के कारण हो रहा था नुकसान
बताया जा रहा है कि जिन ट्रेनों को बंद करने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा गया है, उसका प्रमुख कारण उनका अत्यधिक ठहराव है। साथ ही इन ट्रेनों में यात्रियों की संख्या भी बेहद कम रहती थी। जिससे रेलवे को नुकसान उठाना पड़ रहा था। ऐसे में इन ट्रेनों को स्थायी रूप से बंद करना ही सबसे बेहतर विकल्प माना जा रहा है।
12 अगस्त तक बंद रहेगी ट्रेनें
इसी बीच, भारतीय रेलवे ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि नियमित पैसेंजर, मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन 12 अगस्त तक बंद रहेगा। इस दौरान यात्रा के लिए जिन यात्रियों ने ट्रेन का टिकट लिया हो, वे रद्द हो जाएंगे और उसका पैसा उनके बैंक खातों में बिना किसी कटौती से वापस हो जाएगा। इस सर्कुलर में यह भी स्पष्ट किया गया है कि 12 मई और एक जून से चलाई जा रही स्पेशल ट्रेनों का संचालन पूर्ववत होता रहेगा। रेलवे बोर्ड ने 30 जून से 12 अगस्त के बीच की यात्रा के लिए बुक कराये गए एडवांस ट्रेन टिकटों को वापस करने का निर्देश अपने सभी जोनल आफिस को दे दिया है।