निकाह के 3 साल बाद तक दहेज नहीं मिला, तो पति ने वीडियो कॉल के द्वारा दिया तलाक

Sanjeev Shrivastava

NEWSPR डेस्क। देश में मुस्लिम महिलाओं के लिए बने तीन तलाक विरोधी कानून का न मानने का एक मामला सामने आया है। घटना भागलपुर के कहलगांव की है। यहां एक मुस्लिम महिला को उचित दहेज न देने की वजह से पति ने वीडियो कॉल कर तलाक दे दिया है।

इस तरह से तलाक दिए जाने को सुप्रीम कोर्ट अवैध घोषित कर चुका है। पीड़िता बीते दो माह से पुलिस के चक्कर लगाकर थक चुकी है। कोई सुनवाई न देख अब भागलपुर के DIG सुजीत कुमार यहां पहुंची हैं मामले में पीड़िता मजहबी खातून और उसकी मां रविशा खातून ने मोहम्मद मोईन अंसारी और उसके परिवार वालों के खिलाफ शिकायत की है।

रविशा खातून का कहना है कि 4 नवंबर 2017 को उसने अपनी बेटी की शादी मोइन अंसारी से की थी। जितना बन सका, उतना रुपया और सामान भी दिया था। लेकिन शादी के कुछ दिन बाद ही उसके पति, ससुर और सास सहित अन्य लोग दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगे। दहेज की मांग पूरी ना होने पर उसके साथ मारपीट करते थे। मारपीट के दौरान ही उसके गर्भ में पल रहा 3 महीने का बच्चा भी खराब हो गया था।

ससुराल वालों से तंग आकर कई माह पहले बेटी अपने मामा के साथ घर आ गई थी। लेकिन दहेज की मांग लगातार जारी रही। आखिर में दो माह पहले एक दिन फोन पर वीडियो कॉलिंग करते हुए मोइन अंसारी ने मजहबी खातून को तलाक दे दिया।

रविशा खातून ने बताया कि वह अपनी बेटी मजहबी खातून के साथ 2 महीने से कहलगांव थाने का चक्कर काट रही है। लेकिन थानेदार सुनते ही नहीं हैं। अंत में थक-हारकर दोनों मां-बेटी ने DIG के पास गुहार लगाई है।

Share This Article