NEWSPR डेस्क। सूबे के सबसे बड़े अस्पताल PMCH में HIV पीड़ित दवा के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. दर्जनों ऐसे पीड़ित हैं, जो बीते 3-4 दिनों से दवा के लिए अस्पताल परिसर में ही डेरा डाले हुए हैं. फिर भी उन्हें अब तक दवा नहीं मिल पाई है. काउंटर पर सैकड़ों की भीड़ है, और अस्पतालकर्मी मनमानी कर रहे हैं. कभी किसी का पुर्जा काउंटर से उठाकर फेंक दे रहे है, तो किसी को काउंटर से भगा दे रहे हैं. हैरानी की बात तो ये है कि पीड़ितों की सुनने वाला भी PMCH में कोई नहीं है.
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अधीक्षक भी गायब :
अस्पताल कर्मियों की लापरवाही से अजीज आकर बुधवार के दिन HIV पीड़ित मरीजों ने अधीक्षक कार्यालय के बाहर धरना दे दिया. हालांकि हर दिन की तरह अधीक्षक विमल कारक अपने दफ्तर से गायब मिले. दफ्तर में मौजूद नहीं थे.
प्रिंसिपल के यहां दिन भर बैठे रहते हैं अधीक्षक :
सूत्रों ने बताया कि इनदिनों विधानसभा से भी ज्यादा PMCH में राजनीति हो रही है. काम कम दिखावा ज्यादा होता है. अधीक्षक दिन भर प्रिंसिपल ऑफिस में ही पड़े रहते है और शाम होते ही घर चले जाते हैं. दिनभर मरीज खोजते रहते हैं, लेकिन अधीक्षक से मुलाकात नहीं हो पाती. जिनकी पैरवी है, उनकी सुनवाई है. जिनकी पैरवी नहीं है, उनकी कोई सुनवाई नहीं है.
गौरतलब है कि PMCH सूबे का सबसे बड़ा अस्पताल है. ऐसे में इस अस्पताल से लोगों की काफी उम्मीदें हैं. अगर इस तरह से गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार अधीक्षक का रहा तो वो दिन दूर नहीं जब गरीब तबका और आम लोग सड़कों पर कराहते मिलें.
पटना से विक्रांत के साथ चन्द्रमोहन की रिपोर्ट…