कोरोना से ठीक हुए मरीज़ों में ब्लैक फंगस के इन्फेक्शन का खतरा

Rajan Singh

NEWSPR Desk, Patna : कोरोना वायरस के साथ-साथ देश में अब ब्लैक फंगस का भी खतरा बढ़ रहा है। ब्लैक फंगस आमतौर पर उन लोगों में होता है, जिनका शरीर बीमारियों से लड़ने में कमजोर होता है। वे अक्सर दवाई लेते हैं और उनमे कई तरह की शारीरिक तकलीफ़ होती है।

ब्लैक फंगस से ​महाराष्ट्र में कई मौतें हो चुकी हैं। गुजरात के सूरत में म्यूकोरमाइकोसिस से आठ मरीजों ने अपनी आंख की रोशनी गवा चुकें हैं। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। अब यह बीमारी लखनऊ में भी अपने पैर पसारने लगी है।

आंख और नाक के नीचे लाल रंग पड़ना और दर्द होना, बुखार आना, खांसी होना, सिर दर्द होना, सांस लेने में दिक्कत, खून की उल्टी, मानसिक स्वास्थ्य पर असर, देखने में दिक्कत, दांतों में भी दर्द, छाती में दर्द इत्यादि इस बीमारी के लक्षण हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने इसके इलाज और प्रबंधन से संबंधित एडवाइजरी जारी की है।  इसमें कहा गया है कि म्यूकोरमाइकोसिस हवा से सांस खींचने पर हो सकती है।  इसमें ब्लैक फंगस अंदर आ जाते हैं जो लंग्स को संक्रमित कर देते हैं।

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