क्या जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी की मुलाकात से बढ़ जाएगी CM नीतीश की टेंशन!

Patna Desk

Patna Desk: कोरोना की वजह से बिहार की राजनीति थोड़ी सुस्त पड़ी हुई है. तभी तो नेताओं ने आपस में सोशल डिस्‍टेंस बनाकर रखी है और इस वजह से राजनीतिक गतिविधियां लगभग ठप्प हैं. बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री जीतन राम मांझी CM बनने से पहले राजनीतिक रूप से जितना शांत रहते थे, उतना ही अब सक्रिय. उनके विरोधी उन्‍हें राजनीतिक रूप से अतिसक्रिय और जरूरत से अधिक महात्‍वाकांक्षी कहने से भी गुरेज नहीं करते.

bihar me panchayat chunav kab: jitan ram manjhi ki mang panchayat  pratinidhiyon ka badhe karyakal : पूर्व सीएम जीतनराम मांझी की सीएम नीतीश से  मांग पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल 6 ...

आपको बता दें, शनिवार को जीतन राम मांझी और वीआईपी पार्टी के अध्यक्ष और बिहार सरकार के मंत्री मुकेश सहनी के बीच हुई मुलाकात ने राज्‍य की सियासत को गरमा दिया है. दरअसल जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को ट्वीट कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल 6 महीने तक बढ़ाने की मांग की थी. पूर्व सीएम ने देश में आपातकाल के दौरान लोकसभा की अवधि बढ़ाए जाने का हवाला दिया था.

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बहरहाल, पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की पार्टी बिहार में सत्ता में शामिल है और ऐसे में राजनीतिक तौर पर उनकी बयानबाजी ने यह स्पष्ट कर दिया था कि वह पंचायत चुनाव के मामले में माइलेज लेना चाहते हैं.अगर सरकार उनकी मांग मानले तो भी या अस्वीकार कर दे तब भी. पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल बढ़ाए जाने की मांग के दूसरे दिन जीतन राम मांझी ने आज अपने आवास पर बिहार सरकार के मत्स्य व पशुपालन मंत्री मुकेश सहनी से मुलाकात की. मांझी ने खुद ट्वीट कर इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि मुकेश सहनी से पंचायत चुनाव के अलावा विभिन्न मुद्दों पर गहन विचार विमर्श किया गया है.

मुकेश सहनी से मुलाकात के कुछ देर बाद मांझी ने एक और ट्वीट कर कोरोना के मामले में सरकार की एक तरफ से खिंचाई ही कर दी. उन्‍होंने सीएम नीतीश कुमार को करोना संक्रमण के घटती दर के लिए धन्यवाद तो दिया, लेकिन इसकी मूल वजह लॉकडाउन को ही बता दिया.

उन्‍होंने एक अन्‍य ट्वीट में राज्य के उप स्वास्थ्य केंद्रों की हालत को खस्ताहाल बताते हुए व्यवस्था को दुरुस्त करने का अनुरोध भी नीतीश कुमार से किया है.एक तरफ मुकेश सहनी से मुलाकात और दूसरी तरफ जीतन राम मांझी के ट्विटर पॉलिटिक्स से राजनीतिक विश्लेषकों के बीच कयासों का दौर भी शुरू हो गया है. बिहार विधान परिषद के लिए पिछले दिनों हुए मनोनयन को लेकर जीतन राम मांझी और मुकेश साहनी दोनों की मांग अस्वीकार किये जाने के बाद दर्द उभरकर सामने आया था. दोनों नेताओं ने अपनी अपनी पार्टी के लिए कम से कम एक सीट पर दावेदारी ठोकी थी, लेकिन उनकी यह दावेदारी सफल नहीं हो पाई थी. लिहाजा दो छोटी पार्टियों के प्रमुख की आपस में मुलाकात ने कयासों को एक बार फिर से हवा दे दी है.

 

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