झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह राज्य के वित्त तथा खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव की अध्यक्षता में आज रांची स्थित कांग्रेस भवन में पार्टी पदाधिकारियों की बैठक हुई। इस बैठक में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार महंगाई के खिलाफ पार्टी द्वारा चलाये जाने वाले चरणबद्ध आंदोलनात्मक कार्यक्रम की रूपरेखा पर चर्चा हुई। इसके तहत आगामी 11 जून को राज्यभर के सभी पेट्रोल पंप के सामने पार्टी कार्यकर्त्ता हाथों में तख्तियां लेकर कोरोना गाइडलाइन और सामाजिक दूरी के आदेश का पालन करते हुए प्रतीकात्मक रूप से विरोध प्रदर्शन करेंगे। बैठक में पार्टी के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश महतो कमलेश,राजेश ठाकुर, मानस, प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव, डॉ राजेश गुप्ता छोटू, अमूल्य नीरज खलखो,कुमार गौरव,गुंजन सिंह,नेली नाथन,रवीन्द्र सिंह ,रमा खलखो के अलावा सभी जोनल को-ऑर्डिनेटर समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
आकाश की ओर बढ़ रही पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमत
पार्टी के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आज पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमत न सिर्फ आकाश की ओर बढ़ रही है, बल्कि आसमान को छू रही है। पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गयी है, जबकि डीजल की कीमत पिछले 73 वर्षों में पहली बार तेजी से उसका पीछा कर रही है। वहीं रसोई गैस की कीमत ने महिलाओं के रसोई घर का बजट बिगाड़ दिया है। यही कारण है कि आज लोग यह कहने लगे है कि -कोई लौटादे वर्ष 2014 का वह पुराना दिन। उन्होंने कहा कि यूपीए शासनकाल में जब इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमत उच्चतम दर पर थी, उस वक्त भी पेट्रोल-डीजल की कीमत इतनी नहीं बढ़ी थी। वहीं यूपीए शासनकाल में जब कुछ पैसे की बढ़ोत्तरी होती, तो भाजपा के केंद्र से लेकर प्रखंड स्तर के नेता सड़कों पर उतर आते थे, आज वहीं भाजपा नेता चुपचाप है और मन ही मन अपनी ही केंद्र सरकार को कोसने को विवश है,क्योंकि इस महंगाई का व्यापक असर उनके भी घरेलू बजट पर पड़ा है।
केंद्र सरकार की मुनाफाखोरी को दर्शाती है महंगाई
बैठक के उपरांत मीडिया कर्मियों से बात करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा रामेश्वर उराँव ने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले 13 महीनों में पेट्रोल 24.90 और डीजल 23.09 रुपए प्रति लीटर कीमत बढ़ाए गए हैं जो केंद्र सरकार की मुनाफाखोरी को दर्शाता है। पार्टी नेताओं ने बताया कि 2014 में कच्चे तेल की कीमत जब 108 रुपये प्रति बैरल हुआ करती थी तब यूपीए शासनकाल में पेट्रोल 71.51 पैसे प्रति लीटर और डीजल 55. 49 पैसे प्रति लीटर उपलब्ध हुआ करती थी, लेकिन केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पेट्रोल और डीजल पर 7 साल में अनर्गल टैक्स लगाकर 22 लाख करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया है,जबकि पिछले 7 सालों में कच्चे तेल 20 रुपये से 65 रुपये प्रति बैरल के नीचे आ गया,यहां तक कि एक बार तो 10 रुपये प्रति बैरल तक कच्चे तेल की कीमत हो गई थी इसके बावजूद देश की जनता को कोई फायदा नहीं मिला उल्टे पेट्रोल और डीजल की कीमत 100 के आसपास पहुंच गई है और 73 वर्षों में पहली बार ऐसा हुआ है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें बराबर हो गई है जिसके वजह से खाध पदार्थों से लेकर हर चीज की कीमतें बढ़ गई हैं। पार्टी नेताओं ने कहा 1अप्रैल 2014 में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 9.48 पैसे लिए जाते थे और आज जून 2021 में 32.90 वसूले जाते हैं और डीजल में 1 अप्रैल 2014 में 3.56 से जून 2021 में एक्साइज ड्युटी बढ़ाकर 31.80 रुपये हो गये हैं, वहीं रसोई गैस की कीमत 400 रुपये से बढ़ाकर 900 रुपये पहुंच गया ।