बिहार में एक अनोखी शादी, बाढ़ के बीच हुआ विवाह, नाव से पहुंचा दुल्हा, बाढ़ के पानी के बीचो-बीच बना मंडप

Patna Desk

खुशबु की अनोखी शादी : बिहार में गंडक ने रौद्र रूप धारन कर लिया है। पूर्वी चंपारण के केसरिया प्रखंड में इस समय बाढ़ से कोहराम मचा है। इस दौरान हर तरफ बाढ़ ने हाहाकार मचा रखा है।लोग अपनी जान बचा कर ऊंचे स्थानों पर शरण ले जान माल की रक्षा करने में जुटे हैं। वहीं केसरिया के ढेकहां गांव समेत कई गांवों का अधिकांश हिस्सा बाढ़ से प्रभावित है। उसी बाढ़ से प्रभावित ढ़ेकहां निवासी उज्जैन सहनी के पुत्री की शादी विवाह का माहौल है। उनके लड़की खुशबू कुमारी की अनोखी शादी का माहौल कायम हुआ।

पानी ही पानी के बीच बना मंडप : बताते चलें कि ढेकहां गांव चारो तरफ से बाढ़ से जलमग्न हो गया है और दूसरी तरफ बाढ़ के पानी के बीचों-बीच स्थित उज्जैन सहनी का घर है। जिसके चारों तरफ पानी ही पानी है। उसमें नाव से बारात उनके दरवाजे पर पहुंच शादी के माहौल खुशी ला दिया। यह प्रखंड का एक अनोखा शादी ही कहा जाएगा। जिसमें दूल्हा और बाराती दोनों नाव से पहुंचा और शादी विवाह रश्मों रिवाज के साथ संपन्न हुआ। यहां बता दें कि बारात मोतिहारी के एक गांव से आया था।

3 बड़े नाव से पहुचे बाराती : इस संदर्भ में उज्जैन सहनी ने बताया कि आज मेरी लड़की खुशबू कुमारी की शादी है। बाढ़ अपना कहर बरपा देगा यह हमे मालूम नहीं था कुसमय बाढ़ दस्तक दे देगा। इस संदर्भ में अंचल प्रशासन की ओर से कोई सहायता प्रदान नहीं किया गया है। यहां तक कि नाव का सहयोग भी न मिला। बाराती तीन बड़े नाव से पहुंचे। 18 हजार रुपये में बारातियों के आने के लिए भाड़ा पर लाया गया है।
गांवों की रक्षा के लिये है नाव, बारात लाने के लिये नहीं- CO स्थानीय अंचलाधिकारी प्रवीण कुमार सिन्हा ने साफ लहजे में उज्जैन सहनी के द्वारा मदद नाव की मांगने पर बोले नाव सिर्फ गांवों की रक्षा करने के लिए रखा गया है नाकि बारात लाने के लिये। इस संदर्भ में स्थानीय मुखिया अजीत कुमार सिंह ने बताया कि अंचल प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित इलाकों में सिर्फ पॉलिथीन बांट कर कोरम पूरा करने में मशगूल हैं। यहां न कम्युनिटी किचन की व्यवस्था है ना लाईटींग की और नाही एक भी प्राशसन को लोग मौजूद रह रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बांध पर जहरीले किड़े मकोड़े भी निकलते रहते हैं।

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