एक अगस्त से शहर की जमीन की रजिस्ट्री बढ़ी हुई कीमत पर होगी. क्योंकि, शहरी क्षेत्रों की जमीन महंगी हो जायेगी. जमीन की नयी दर एक अगस्त को जारी की जायेगी. लेकिन इस बार शहरी के साथ-साथ 13 ग्रामीण इलाकों की भी जमीन महंगी होंगी. इन क्षेत्रों में पिछली बार जमीन की कीमत नहीं बढ़ायी गयी थी. जिन ग्रामीण क्षेत्रों की जमीनें महंगी होने वाली हैं उनमें कांके, रातू व खलारी प्रखंड के भी कुछ गांव शामिल हैं. जिला अवर निबंधक कार्यालय इसको लेकर तैयारी कर रहा है |
हर दो साल में बढ़ती है जमीन की कीमत
जमीन की कीमत हर दो साल में बढ़नी है. पिछले साल केवल ग्रामीण इलाकों की जमीन की कीमत बढ़ी थी. वर्ष 2018 में जमीन की सरकारी दरों में इजाफा किया गया था. इसके बाद 2020 में बढ़ना था लेकिन कोविड-19 महामारी की वजह से कीमतें नहीं बढ़ायी गयी थी |
इन ग्रामीण इलाकों की जमीन महंगी होगी
इस बार जिन ग्रामीण क्षेत्रों की जमीन की कीमत बढ़ेंगी उनमें कांके, अरसंडे, खलारी, तुरी, टुंडूल, टाटी, आरा,बड़गांवा, इरबा, रातू , राई, विश्रामपुर व मूरी शामिल हैं
ऐसे करें कैलकुलेशन
अगर कोई व्यक्ति 20 लाख का फ्लैट खरीदता है, तो उसे पूर्व में सात प्रतिशत शुल्क के तौर पर 1.40 लाख रुपये चुकाने होते थे. इसमें 80,000 रुपये का स्टांप व 60,000 रुपये का निबंधन शुल्क शामिल है़, लेकिन 10 फीसदी की बढ़ोतरी होने पर 20 लाख रुपये वाले फ्लैट की कीमत अब 22 लाख रुपये हो जायेगी. इसके लिए उस व्यक्ति को सात फीसदी शुल्क के तौर पर 14,000 रुपये अधिक देने पड़ेंगे. यानी 8,000 रुपये स्टांप शुल्क व 6,000 रुपये निबंधन शुल्क के तौर पर देने पड़ेंगे |
जमीन की कीमत बढ़ी तो इतना लगेगा एक्स्ट्रा पैसा
अगर किसी जमीन की कीमत 10 लाख प्रति डिसमिल है तो 10 फीसदी कीमत बढ़ जाने पर उस जमीन की कीमत 11 लाख रुपये हो जायेगी. उस जमीन पर 4 फीसदी स्टांप ड्यूटी के तौर पर 40 हजार रुपये स्टांप शुल्क लग जायेगा. वहीं, तीन प्रतिशत शुल्क के तौर पर 30 हजार जमा करने होंगे |