NEWSPR /DESK : भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने मंत्री बन्ना गुप्ता के केंद्र सरकार की आदिवासी और महिला विरोधी मानसिकता वाले बयान को हास्यास्पद बताया है। मंगलवार को जारी बयान में उन्होंने कहा कि राज्यपाल की नियुक्ति राजनीति नियुक्ति नहीं होती है। नियुक्ति कई विषयों को देखकर और कई मापदंड के आधार पर तय होती हैं।
उन्होंने प्रदेश की झामुमो कांग्रेस गठबंधन से सवाल करते हुए कहा कि टीएसी की नियुक्ति में राज्यपाल कि भूमिका को कांग्रेस-झामुमो गठबंधन सरकार ने खत्म कर दिया। सर्वप्रथम सरकार को यह बताना चाहिए कि टीएसी में राज्यपाल के अधिकार क्षेत्र को क्यों खत्म कर दिया गया। राज्यपाल भवन से जो नियुक्ति का प्रावधान किया जाता था उससे राज्य सरकार ने समाप्त कर दिया।
उन्होंने कहा कि जहां तक आदिवासियों के हितों का सवाल है उस दिशा में केंद्र सरकार ने पूरे देश के आदिवासी के हितों की रक्षा करने वाला आदिवासी कल्याण मंत्रालय झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के हाथों में दिया है। प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने झारखंड सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि ऐसी सस्ती राजनीति करना बंद करें और झारखंड की जनता ने जो जिम्मेदारी दी है उस दिशा में कार्य करने का प्रयास करें। कहा कि प्रदेश के नए महामहिम राज्यपाल रमेश बैस के साथ समन्वय बनाते हुए राज्य के विकास की गति को दिशा दें तो प्रदेश की जनता जरूर शाबासी देगी।