पछ्तावों को अपनी जिंदगी का ब्रेकर न बनने दें

Patna Desk

NEWSPR /DESK : पछ्तावों को अपनी जिंदगी का ब्रेकर न बनने दें

‘काश ये ना होता’

‘काश मैंने वो कदम न उठाया होता’

‘काश मैंने दूसरा करियर चुना होता’

‘काश मैं उस दिन गाड़ी धीमे चला रहा होता’

काश, काश और काश…हम सब पछतावों को याद करते हुए अक्सर मन ही मन कई बार काश बोल देते हैं। इस काश के साथ हम लाइफ में कई साल पीछे भी चले जाते हैं।

पछतावों को याद करते हुए आगे बढ़ भी नहीं सकते हैं। उस एक गलती, उस एक कदम को याद करते हुए पछतावे के गम में डूबे हम मानो उस एक वक्त में ही रुक जाते हैं।

इसलिए जरूरी है कि पछतावों को अब समय रहते ‘गुड बाय’ कह दिया जाए। ताकि जिंदगी अपनी रफ्तार से चलती रहे और हम आगे बढ़ते रहें।

लेकिन इन पछतावों से पीछा छुड़ाना आसान नहीं होता है। इनके लिए कुछ खास कदम उठाने होंगे। जिनके साथ जिंदगी में नई शुरुआत करना आसान होगा। क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. आराधना गुप्ता कुछ ऐसे ही कदमों से रूबरू करा रहीं हैं लेकिन इससे पहले इंटरनेट पर इससे जुड़ी सर्च पर भी नजर डाल लीजिए

पछतावे और जिंदगी
पछतावों के साथ जिंदगी
पछतावों को कैसे भुलाएं
पछतावों को भुलाना क्यों जरूरी है

1. कौन-कौन सी गलतियां 

पछतावों को बाय कहने के लिए सबसे पहले उन सभी गलतियों को याद कीजिए, जो पछतावों के रूप में अक्सर आपके सामने आ जाती हैं।

अब इन्हें एक जगह लिखें। आप जब जो किस्सा लिखेंगे, आपके सामने वो समय आ खड़ा होगा। उस समय को वापस जीते हुए हो सकता है आपको वो स्थिति समझ आ जाए जिस वजह से आपको वो कदम उठाना पड़ा था।

ये भी हो सकता है कि आपको पता चले कि वो आपके लिए पछतावे की वजह था ही नहीं। लिखते हुए उस किस्से से जुड़े कई एंगल आपके सामने होंगे।

2. क्या सीखा

जब आप अपने पछतावे लिखेंगे तो उनके साथ ये भी लिखिए कि उनसे आपने सीखा क्या? अब ये सीख आपको तब हर बार पढ़नी है, जब मन उदास हो या पछतावे आपको आगे बढ़ने से रोक रहे हों।

ये सीख आपको याद दिलाएगी कि हर घटना किसी न किसी वजह या फिर सीख के लिए ही होती हैं। इन सीख के साथ आगे बढ़ जाना ही जिंदगी है।

3. खुद को माफ करें 

पछतावों को पीछे छोड़कर अगर बढ़ते जाने की सोची है तो आपको माफ करना होगा। माफ करना होगा खुद को। या फिर अपनी इस गलती के लिए आप जिसे भी जिम्मेदार मानते हैं उन्हें माफ करने की कोशिश आपको करनी ही होगी।

माफ किए बिना पछतावे के इस चक्रव्यूह से निकल पाना कठिन होगा। खुद को माफ करें और गलती दोबारा न करने का खुद से वादा भी करें।

4. हॉबी करेगी मदद 

हॉबी एक ऐसी एक्टिविटी है जिसके साथ आप कुछ नया सीख रहे होते हैं तो पुराना भूल भी रहे होते हैं। दरअसल जब आप बिजी रहते हैं तो मन दुख और दर्द को भूलने लगता है। ठीक ऐसे ही ये पछतावों को भी भूलने लगता है।

आप अपने शौक में इतने खो जाते हैं कि ये पछतावे जिंदगी में दस्तक दे ही नहीं पाते हैं। बस यहीं से आप सब भूलने लगते हैं। कुछ नया सीखने का आत्मविश्वास भी आपको खुश रखने में मदद करता है।

5. माफी मांग सकते हैं 

खुद को माफ करना जितना जरूरी है दूसरों से माफी मांग लेना भी कम जरूरी नहीं है। जैसे हो सकता है आपको इस बात का अफसोस हो कि शहर से दूर आने के बाद आप अपने परिवार के साथ ज्यादा समय बिता ही नहीं पाए हैं।

बीमार मां अक्सर ही आपको आने के लिए कहती लेकिन आप कभी काम के चलते वहां नहीं जा पाए या उन्होंने गलत आदतें छोड़ने को बहुत कहा पर आप मानें नहीं।

अब वही बातें याद आती हैं और खराब आदतों के चलते बिगड़ी सेहत परेशान करती है। आपको अफसोस है मां की बातें न मानने का तो यही सही समय है उनसे माफी मांग लेने का।

अपने पछतावों को जब लिखिए तो ये भी दर्ज कीजिए कि किससे माफी मांगना दिल हल्का कर देगा।

6. बात करना भी करेगा कमाल 

दिल की बात किसी से कह देने से दिल हल्का हो जाता है। पछतावों के साथ भी यही होता है। आप इनको किसी के सामने रख देंगे तो समझिए कि बहुत भारीपन दिल से निकल जाएगा।

हो सकता है सुनने वाला ही आपको कोई ऐसा कारण बता दे जो आपको पछतावे से निकलने में आपकी मदद कर दे।

7. स्वीकार करें 

हमें पछतावा इसलिए होता है क्योंकि हम सोचते हैं कि ‘काश हम ऐसा न करते’, काश मैंने कोई और निर्णय लिया होता। अब इस काश को जिंदगी से निकाल दीजिए।

अब जो हुआ आप उसको स्वीकार कर लीजिए। मान लीजिए कि यही होना था इसलिए हुआ अब आगे से ऐसा नहीं होगा। देखिएगा स्थिति को स्वीकार कर लेने से दिल काफी हल्का हो जाएगा।

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