बिहार में श्रावणी मेला और सावन के दौरान मंदिरों में पूजा-पाठ पर रोक, अगस्त तक किसी भी प्रकार के धार्मिक आयोजन पर रोक

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। महादेव का पावन महीना सावन दस्तक देने वाला है। श्रावण माह की पहली सोमवारी 26 जुलाई 2021 को है। शिवभक्तों के बीच मंदिर जाकर महादेव के पूजन को लेकर काफी उत्साह रहता है। हालांकि शिव भक्तों को इस बार भी निराश होना पड़ेगा। इस बार भी प्रदेश में श्रावणी मेला और सावन के दौरान मंदिरों में जाकर पूजा-पाठ करने की अनुमति नहीं दी गयी है। कोरोना के संभावित तीसरी लहर को देखते हुए बिहार सरकार कोई लापरवाही नहीं बरतना चाहती है। बिहार सरकार ने अगस्त महीने तक प्रदेश में किसी भी तरीके के धार्मिक आयोजन पर रोक लगाई है।

कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए लोगों की सुरक्षा और संक्रमण से बचाव के लिए इस बार श्रावणी मेले की इजाजत नहीं दी गयी है। सावन महोत्सव से जुड़े किसी भी कार्यक्रम पर पूरी तरीके से प्रतिबंध लगा दिया गया है। बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड ने भी श्रद्धालुओं से यह अपील की है कि वो अपने घरों में रहकर ही पूजा-पाठ करें। मंदिर में आमजनों को प्रवेश नहीं करने दिया जायेगा। मंदिर के पुजारियों को अंदर आने की इजाजत होगी जो दैनिक पूजन करेंगे।

भागलपुर और सुल्तानगंज में भी इसबार कांवर यात्रा के लिए श्रद्धालु नहीं जमा होंगे। दरअसल झारखंड के देवघर स्थित बैद्यनाथ धाम और बासुकीनाथ मंदिर में भी श्रावणी मेले को रद्द कर दिया गया है। देवघर बैद्यनाथ धाम मंदिर में बिहार के सुल्तानगंज से जल लेकर कांवरिया जाते हैं। वहीं बड़ी तादाद में श्रद्धालु भागलपुर गंगा घाट से जल भरकर बासुकीनाथ मंदिर में जाते हैं। इस बार दोनों तरफ श्रद्धालुाओं के जुटने पर पाबंदी है।
राजधानी पटना में भी श्रावणी मेला के अवसर पर भी एहतियात बरतने तथा सुरक्षा व्यवस्था कड़ा करने का निर्देश दिया गया है। पटना डीएम ने पहली सोमवारी से ही पूरी सावधानी बरतने तथा सक्रिय रहने का निर्देश दिया है। वहीं इस बार किसी भी श्रद्धालु को कांवर यात्रा करने की इजाजत नहीं दी गयी है। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए सूबे में सख्ती से कोरोना गाइडलाइन्स का पालन कराया जायेगा।

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