पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि, जेडीयू ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव ने दी श्रद्धांजलि, बिहार से वाजपेयी जी का रहा है गहरा नाता

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तीसरी पुण्यतिथि है। देश आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धापूर्वक याद कर रहा है। इस मौके पर जेडीयू ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता संजीव श्रीवास्तव ने उन्हें नमन कर श्रद्धांजलि दी।

अक्‍सर कहा करते थे- आप बिहारी तो मैं अटल बिहारी : उनकी स्‍मृतियां बिहार से भी जुड़ी रहीं हैं। वे अक्‍सर कहा करते थे- आप बिहारी तो मैं अटल बिहारी। ये अटल बिहारी वाजपेयी ही थे, जिन्‍होंने मैथिली को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कर उसे सम्‍मान दिलाया। उन्‍होंने सुशील कुमार मोदी को उनके विवाह के दिन सक्रिय राजनीति में आने का आफर दिया था। फिल्‍मों की बात करें तो वाजपेयी जब भी पटना आते थे, यहां के अशोक सिनेमा हाल में फिल्में देखते थे।

अटल बिहारी वाजपेयी का बिहार से गहरा नाता रहा : बतौर प्रधानमंत्री उन्‍होंने बिहार के मिथिलांचल की जन भावना को ध्‍यान में रखते हुए दिसंबर 2003 में मैथिली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने का बड़ा फैसला लिया। मैथिली को यह सम्‍मान दिलाने का प्रस्‍ताव केंद्र सरकार के पास 23 वर्षों से लंबित पड़ा था। तत्‍कालीन मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर और डा. जगन्नाथ मिश्र ने इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास भेजा था। वाजपेयी जब प्रधानमंत्री बने, तब उनका ध्‍यान इस ओर गया।

मिथिलांचल को जोड़ने को कोसी महासेतु का निर्माण : बाजपेयी ने मिथिलांचल के लिए एक और बड़ा काम किया। साल 1934 के विनाशकारी भूकंप के दौरान मिथिलांचल के दरभंगा-मधुबनी और सहरसा-सुपौल अलग-अलग दो भागों में बंट गए थे। दरभंगा से सहरसा-सुपौल जाने के लिए जानकी एक्सप्रेस ट्रेन से रात भर का लंबा सफर करना पड़ता था। वाजपेयी ने दो भागों में बंटे मिथिलांचल के लिए कोसी महासेतु के निर्माण का फैसला लिया। इससे मिथिलांचल का एकीकरण हुआ। ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के तहत बनी फोरलेन सड़क ने विकास के रास्ते भी खोल दिए

सुशील मोदी की शादी में आए, कहा- राजनीति में आइए : बिहार के राजनेताओं से संबंधों की बात करें तो वाजपेयी 13 अप्रैल 1986 को भारतीय जनता पार्टी के वर्ततान राज्‍यसभा सांसद व तब के छात्र नेता सुशील कुमार मोदी की शादी में पटना आए थे। सुशील मोदी बताते हैं कि उन्‍होंने पोस्ट कार्ड भेजकर उन्‍हें निमंत्रण दिया था और वे आ गये। बकौल सुशील मोदी, तब वाजपेयी ने उन्‍हें सक्रिय राजनीति में आने का औपचारिक आफर दिया था।

बक्सर से करते थे अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत : वाजपेयी बिहार में अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत बक्सर से करते थे। बक्सर से उनके बेहद करीबी माने जाने वाले लालमुनि चौबे लोकसभा चुनाव लड़ते थे। बक्‍सर के बाद ही वे दूसरी जगह चुनाव प्रचार के लिए जाते थे। केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे बताते हैं कि अटल बिहारी वाजपेयी ने बिहार में अंतिम बार भागलपुर में उनके लिए चुनाव प्रचार किया था। उन्‍होंने यह भी बताया कि वाजपेयी को भागलपुर की रेशमी शाल बहुत पसंद थी।

पटना में गंगा प्रसाद के घर पर रुकते थे वाजपेयी : वाजपेयी पटना आने पर सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद के घर पर रुकना पसंद करते थे। वे गंगा प्रसाद के पुत्र व बीजेपी विधायक संजीव चौरसिया की शादी के बाद रिसेप्शन समारोह में पटना आए थे।

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