NEWSPR डेस्क। बिहार में भ्रष्टाचार का क्या आलम है, आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि मोतिहारी में उद्घाटन के 5 दिनों के बाद ही तालाब धराशायी हो गया। मामला पकड़ीदयाल नगर पंचायत का है। यहां 22 अगस्त को विभागीय कार्य (डिपार्टमेंटल) के तहत अनुमंडल पदाधिकारी के आवासीय परिसर तालाब का उद्घाटन हुआ था। इसके सौंदर्यीकरण पर 22 लाख रुपये खर्च किये गये थे। लेकिन ये 22 लाख रुपये 5 दिनों में ही तालाब के पानी में बह गये। 22 अगस्त को उद्घाटन हुआ और 26 अगस्त को तालाब धराशायी हो गया।
अनुमंडल पदाधिकारी आवास परिसर में “सीताराम सरोवर” तालाब का उद्घाटन के तीन दिन बाद ही दिवाल गिरकर धरासायी हो जाना बहुत बड़ी बात है।पकड़ीदयाल नगर पंचायत में विभागीय कार्य के नाम पर लूट खसोट मचा हुआ है।सीताराम सरोवर तालाब का सौंदर्यीकरण का कार्य निविदा के तहत नहीं करा कर विभागीय के तहत अलग-अलग योजना संख्या से नगर पंचायत द्वारा कराया जाना जांच का विषय है।
अनुमंडल पदाधिकारी कुमार रविंद्र ने अनुमंडल पदाधिकारी आवसीय परिसर में सीताराम सरोवर का निर्माण करवा कर पकड़ीदयाल वासियों एवं खासकर युवाओं को तोहफा देने का काम किया।एसडीएम कुमार रविंद्र का पकड़ीदयाल में पदस्थापना के बाद से ही उनके मन में सकारात्मक सोच रहा कि पकड़ीदयाल वासियों के मनोरंजन के लिए सरोवर का निर्माण करा सकें।
नगर पंचायत पकड़ीदयाल द्वारा कराए जा रहें विभागीय कार्य (डिपार्टमेंटल) के नाम पर हो रहें लूट-खसोट पर रोक लगाने एवं योजनाओं की उच्चस्तरीय जांच के लिए ईमेल आवेदन किया था।सरकार के महत्वपूर्ण योजनाओं में नगर पंचायत पकड़ीदयाल द्वारा भारी गड़बड़ी एवं अनियमितता बरती गयी है।
इस मामले को संज्ञान में लेते हुए अनुमंडल पदाधिकारी कुमार रवींद्र ने कहा कि जो दीवार बारिश के कारण टूट रहा था, इंजीनियर के द्वारा उसको तोड़कर फिर से मजबूती के साथ काम कराने का आदेश दिया और यह काम नगर पालिका को आदेश दे दिया गया है अपने निजी कोष से मजबूती के साथ काम करेंगे।