NEWSPR डेस्क। इन दिनों मोतिहारी की एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में स्कूल शिक्षा समिति चुनाव के दौरान दो दावेदारों में जमकर लात घुसे चले है। शिक्षा का मंदिर घंटो रणक्षेत्र में बदला रहा । जब दो दावेदारों में जमकर मारपीट होने लगी तो शिक्षा समिति की चुनाव करने पहुचे शिक्षा विभाग के पदाधिकारी व कर्मी जान बचा भाग खड़े हुए । मामला बनकटवा प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय बिजबनी वैरिया टोला का बताया जा रहा है। पंचायत चुनाव को लेकर आचार संहिता लगने के बाद शिक्षा विभाग द्वारा बिना अनुमति के शिक्षा समिति की चुनाव एक के पक्ष में करने का ग्रामीण लगा रहे आरोप।
बनकटवा प्रखण्ड के बिजबनी बरैया टोला उत्क्रमित मध्य विद्यालय बुधवार को रण क्षेत्र में बदल गया। शिक्षा समिति की चुनाव को लेकर दो दावेदार के पक्ष आपस में जमकर मारपीट की । वायरल वीडियो में स्पष्ट देखा गया कि स्कूल परिसर में गेट से लेकर फील्ड तक दो गुटों में लात-घुसे और लाठी डंडे चले। विद्या का मंदिर कुछ देर के लिए रन क्षेत्र में बदल गया था । गण्यमान्य लोगों के समझने व बीच बचाव के बाद मामला शांत होने की बात बतायी जा रही है।
विद्यालय परिसर को रण क्षेत्र बनते देख शिक्षा समिति की चुनाव कराने पहुचे शिक्षा विभाग के कर्मी व पदाधिकारी पीछे के रास्ते से भागकर जान बचाये।कुछ ग्रामीणों का आरोप था कि किसी के दबाव में एक को शिक्षा समिति का सचिव बनाने की योजना शिक्षा विभाग का था ।इसकी जनकारी मिलते ही कई ग्रामीण स्कूल परिसर में पहुच सचिव पद की दावेदारी करने लगे ।इतने में जमकर मारपीट ,लात घुसे चले ।
बनकटवा प्रखंड के बिजबनी बरैया टोला उत्क्रमित मध्य विद्यालय में शिक्षा समिति के तहत माता समिति का गठन करना था । ग्रामीणों का आरोप है कि शिक्षा विभाग द्वारा किसी दबंग के दबाव के आकर एक व्यक्ति को सचिव बनाने की तैयारी कर चुपके से किया गया था ।तबतक इसकी भनक ग्रामीणों को लग गयी ।इतने में स्कूल परिसर रण क्षेत्र में बदल गया।
मामले को तूल पकड़ता देख चुनाव कराने गए पर्यवेक्षक सह सीआरसीसी माता समिति के गठन को ही स्थगित कर दिया। लेकिन माता के जगह पर गांव के अभिभावक बड़ी संख्या में स्कूल पहुंच गए। सचिव मेरे परिवार से होगा इसको लेकर कई गुट आपस मे भीड़ गए। लात-घुसे, लप्पड़-थप्पड़ खूब हुई। मारपीट का वीडियो वायरल होने लगा। लोग कॉमेंट करते रहे। मामले में बीइओ ब्रज किशोर सिंह ने कहा कि मारपीट को देखते हुए समिति का चुनाव तत्काल रोक दिया गया है। फिर लोग सवाल उठा रहे हैं कि बिना अनुमति के पंचायत चुनाव आचार संहिता लगने के बाद चुनाव कैसे किया जा रहा था।