NEWSPR डेस्क। बिहार के स्मार्ट सिटी सूची में शामिल भागलपुर की हालत बद से बदतर है। शहर में हर तरफ कूड़ा और दुर्गंध है। यहां स्वच्छता अभियान के नाम पर गाहे-बगाहे झाड़ू लगाने की रस्म जरूर पूरी कर ली जाती है। इसके बाद शपथ और संकल्प अपनी राह। वहीं शहर में सफाईकर्मियों की हड़ताल समाप्त होने के बाद भी शहर के चौक-चौराहों और मोहल्लों से कूड़े नहीं उठाए गए जिसके कारण राहगीर नाक पर रुमाल रखकर चलने को मजबूर हैं।
हर जगह कूड़ा कूड़ेदान के बाहर बिखरा हुआ है। बता दें कि कुछ दिन पहले अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर गए सफाईकर्मी का हड़ताल खत्म हो गया है। उसके बावजूद भी शहर कचरे से भरा हुआ है।भागलपुर को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिल गया, फिर भी शहर की स्थिति काफी दयनीय है। न सफाई की व्यवस्था है और न ही जलनिकासी की। कूड़े का उठाव नहीं होने से परेशानी हो रही है। निगम के सफाईकर्मियों को लोगों की समस्याओं से कोई मतलब नहीं है। जनता परेशान है।
घनी आबादी वाले क्षेत्र होने के कारण शहर में आमजनों के लिए शौचालय तक नहीं है। जिसके कारण लोग इधर उधर शौच कर देते हैं, नतीजन दुर्गन्ध एवं गन्दगी जिसपर निगम प्रशासन का भी कोई ध्यान नहीं। खलीफाबाग चौक आनंदराम ढांढनिया विद्यालय रोड में लोग यत्र तत्र शौच कर देते थे जिसके कारण दुर्गन्ध एवं गंदगी से लोगों को चलने में भी परेशानी होती थी।
शयामानंद सिंह भागलपूर संवाददाता