‘पुल’ ने खोली विकास की ‘पोल’, आठ साल लगे बनाने में और 30 दिन भी नहीं चल सकी 263 करोड़ की लागत से तैयार पुल

Sanjeev Shrivastava

‪धनंजय कुमार

गोपालगंजः  गोपालगंज को पूर्वी चम्पारण गोपालगंज से जोड़ने वाले गंडक नदी पर नवनिर्मित सत्तर घाट पुल का एप्रोच बुधवार की शाम ध्वस्त हो गया। पूर्वी चम्पारण के केसरिया प्रखंड के ढेकहां के पास बने सत्तर घाट पुल का पिछले 16 जून को ही उद्घाटन हुआ था। पानी के तेज बहाव के कारण एप्रोच ध्वस्त हो जाने से केसरिया से छपरा, गोपालगंज व सीवान जाने वाले पथ पर आवागमन ठप हो गया है। गंडक नदी पर 263.48 करोड़ रुपये की लागत से इस पुल को तैयार किया गया था। लेकिन एक माह में ही पुल के टूट जाने के बाद नीतीश के विकास के दावों पर सवाल उठने लगे हैं।

जांच के लिए पहुंची टीम

पूर्वी चम्पारण के डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने बताया कि सत्तरघाट पुल का एप्रोच पथ गोपालगंज जिले की तरफ से टूटा है।  यह केसरिया की ओर से करीब डेढ़ किलोमीटर पर है। अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंच चुकी है। इधर, गोपालगंज के डीएम अरशद अजीज ने बताया कि एप्रोच सड़क हाल ही में बनाई गई थी। बाढ़ के पानी के दबाव के कारण एक हिस्सा धंस कर टूट गया है। पानी कम होने के बाद सड़क को दुरुस्त कराया जाएगा।

अधिकारी कर रहे कैंप

विभागीय पदाधिकारी मरम्मत में लग गये हैं। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के कार्यपालक अभियंता राममोहन सिंह, परियोजना अभियंता, कृष्णा कुमार, इंजीनियर मोहित कुमार व बशिष्टा कंपनी के इंजीनियर सुभाष कुमार घटनास्थल पर कैम्प किये हुये हैं। कार्यपालक अभियंता श्री सिंह ने बताया कि गंडक नदी के बाढ़ के कारण सड़क पर दबाव पड़ा है। जिसके कारण एप्रोच पथ पुलिया के समीप टूट गया है। एप्रोच पथ की मरम्मत कराई जा रही है। बहुत जल्द सड़क की मरम्मत कर ली जाएगी। 

तेजस्वी ने उठाए सवाल

सत्तर घाट पुल के ध्वस्त होने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार के विकास मॉडल पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्विटर पर टूटे पुल की विडियो के साथ लिखा है कि 8 वर्ष में 263.47 करोड़ की लागत से निर्मित गोपालगंज के सत्तर घाट पुल का 16 जून को नीतीश जी ने उद्घाटन किया था आज 29 दिन बाद यह पुल ध्वस्त हो गया। ख़बरदार!अगर किसी ने इसे नीतीश जी का भ्रष्टाचार कहा तो?263 करोड़ तो सुशासनी मुँह दिखाई है। इतने की तो इनके चूहे शराब पी जाते हैं।

बता दें कि पुल का उद्घाटन पिछले 16 जून को सीएम ने पटना से किया था। यह पुल बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसी पथ का चयन रामजानकी पथ में हुआ है। पुल के बन जाने से केसरिया से छपरा, सिवान, गोपलगंज, पटना व कुशीनगर की दूरी कम हो गयी है। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के अंतर्गत बने इस पुल का निर्माण बशिष्टा कंपनी ने कराया है। इस पुल में दोनों तरफ एप्रोच पथ है। इसका भी निर्माण बशिष्टा कंपनी द्वारा ही कराया गया है।

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