पटना एम्स में हड़ताल पर गए नर्सिंग स्टाफ व सफाईकर्मी, आठ गिरफ्तार, जाने क्या हैं हालात

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By PR Desk

एक तरफ कोरोना के कहर से देश ही नही बल्कि पुरे विश्व मे तबाही मचा रखी है ऐसे में पटना के सबसे बड़े अस्पताल एम्स फुलवारीशरीफ के सफाईकर्मी व नर्सिंग स्टाफ अपनी बिभिन्न मांगो को लेकर हड़ताल पर चले गए है जिससे एम्स की सफाई व्यवस्था प्रभावित है और काम काज ठप्प हो गया है

पटना एम्स के सी एच एस कर्मचारियों ने अस्पताल पर यह आरोप लगाया कि उनसे कोरोना महामारी के दौरान भी बारह घंटे काम लिया जाता रहा है और इसके बदले मात्र 9000 रुपये ही मासिक दिया जाता है। कर्मचारियों ने इस संबंध में कई बार अस्पताल प्रशासन से शिकायत भी किया जिसके फलस्वरूप इन्हें वेतन वृद्धि करने का संतावाना तो दिया जाता है परंतु आज तक इस सम्वन्ध में कुछ भी किया नही गया है। इसके अलावा एक दिन की भी छुट्टी नही दी जाती है एक दो दिन अगर अनुपस्थित हो जाने पर पाँच दिनों का मनमाने ढंग से पैसा काट लिया जाता है।


हड़ताली कर्मचारी ने बताया कि विगत तीन महीने पहले भी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ सी एम सिंह को भी ज्ञापन दिया गया था लेकिन मेडिकल सुपरिटेंडेंट के द्वारा उस व्यक्ति को बर्खास्त कर दिया गया जिससे कर्मचारियों में रोष ब्याप्त है उन्होंने बर्खास्त किये गए कर्मचारी को पुनः बहाल करने की मांग की इसके साथ ही नर्सिंग स्टाफ ने यह आरोप भी लगाया है कि पिछले तीन महीनों से सिर्फ कोरोना मरीजों का इलाज किया जा रहा है. दो महीने से सैलरी नहीं मिली और हमारे परिवार वालों को अगर इलाज करवाना है तो पटना एम्स में नहीं संभव हो पा रहा है.

मिली जानकारी के अनुसार शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे सफाईकर्मी और नर्सिंग स्टाफ को पुलिस और अस्पताल प्रसाशन जबरन काम करने को कह रही है लेकिन कर्मचारी अपनी मांगो पर अड़े है उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा ज्यादती करने का वीडियो बना रहे आठ कर्मचारियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है पूरा एम्स छावनी में तब्दील हो गया है वही पूरे एम्स परिसर में रैपिड एक्सन फोर्स के अलावा जानीपुर ,खगौल तथा फुलवारी थाने की पुलिस कैम्प कर रही है

बता दें कि पटना एम्स को सरकार ने कोविड-19 हॉस्पिटल बना रखा है. यहां सिर्फ कोरोना के मरीजों का ही इलाज किया जा रहा है. लेकिन नर्सिंग स्टाफ और सफाई कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने के बाद यहां स्वास्थ्य सेवाओं पर संकट खड़ा हो गया है.

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